नागपुर/दिल्ली  ।भारत आने वाले अगले 25 वर्ष में जिस ऊँचाई पर होगाउनमें हमारे वैज्ञानिक की अंहम भुमिका होगी।हमारे वैज्ञानिकों ने हमे 21सदी का नया भारत को उपलब्ध कराया है।इसमें वैज्ञानिक अनुसंधान व निरीक्षण की महत्व भुमिका रही है । उद्घाटन सत्र के अपने सम्बोधन मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा ! उन्होने आज के देश के वैज्ञानिक  अतिथियों से संवाद करते हुए बताया कि हमारे पास आज डाटा/तकनीक दो ऐसी महत्वपूर्ण चीजे का आपर भंडार है।भारत तकनीक के क्षेत्र मे आज तेजी से विकास की ओरअग्रसर है।हम विश्व के श्रेष्ट पंक्ति में शामिल हो रहे है।परिणाम भारत आज 43 वें स्थान पर पहुँच गया है।स्टाटअप के क्षेत्र में तीसरे न० पर है।महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे भारत की अलग पहचान है।आज की महिला को विज्ञान से जोड़े शाथ ही विज्ञान को महिला सशक्ति से विकशित करें।आज मुद्रा योजना स्टार्टअप महिला सशक्तिकरण में अंहम भुमिका है। हमारे वैज्ञानिक अपनी अर्जित ज्ञान को वितरित करें।ताकि आमआदमी का जीवन और बेहतर हो सके तथा उनकीआवश्यकता की पूर्ति होगी। आज हमारे वैज्ञानिकों को विज्ञान को अपने लेब से यर्थात की लैण्ड पहुँचना है।इस इंडियन विज्ञान कांग्रेस को जंगल से लेकर जमीन तक ले कर आना है।इस रिसर्च से हमारे वैज्ञानिक रीयल लाइफ तक पहुंचे।विशेष कर यह बात युवाओ को प्रभावित करती है।ऐसे युवाओ को विज्ञान के क्षेत्र में आगे लाकर उनकीआकांक्षा को साकार कर सके।आज के इस 108 वी इंडियन साईन्स काँग्रेस में ऐसे विषय चुने जो भारत व भारत वासियों की आवश्यकता की पुर्ति करें।विज्ञान को आत्म र्निभर भारत करने वाला चाहिए।हम ऐसे विषय पर काम करे जो सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए हो।खास कर ऊर्जा क्षेत्र के लिए हाईड्रोजन ऊर्जा पर काम करे।इसके लिए उद्योग व वैज्ञानिको को इस क्षेत्र में साथमिल कर काम करना चाहिए।आज हम बाढ़ या भुकम्प कैसी प्राकृतिक आपदा के लिए पहले से तैयार रहते है।विगत दिनों में नई 
नई बीमारी के लिए नई वैक्सीन बनाने के क्षेत्र में भी काम करने चाहिए।आज भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रही है।इस क्षेत्र में दुनिया की निगाहे भारत की ओर है।इसका सबसे अच्छा उदाहरण जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन का नेतृत्व भारत कर रहा है।आप को बता दे कि108 वी इंडियन विज्ञान कांग्रेस का भव्य आयोजन राष्ट्रीय संत तुकड़ी महाराज नागपूर विश्व विधापीठ में दिनांक 3 जनवरी से 7जनवरी 23 तक किया जा रहा है। आप को बता दे कि 108 वी इंडियन विज्ञान  कांग्रेस का भव्य आयोजन राष्ट्रीय संत तुकड़ी महाराज नागपूर विश्व विधा पीठ के परिसर में दिनांक 3 जनवरी से 7जनवरी 23 तक किया जा रहा है।यहाँ के ज्ञान विज्ञान के मनीषों सेसुशज्जित मंच पर मौजूद थें ।आज के कार्यक्रम आरम्भ विज्ञान गीत से हुआ।कार्यक्रम केआयोजक राज्य महाराष्ट्र के उपमुख्य मंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने अपने स्वागत भाषण मे कहा कि 108 वी इंडियन सांईस कांग्रेस के विषय वस्तु महिला सशक्तिकरण  पर प्रकाश डालते हुए  सावत्री वाई फूले को याद किया। उन्होने कहा कि विज्ञान की तकनीक कभी भी लिंग भेद नही करते हुए सभी को समान अवसर प्रदान करता है।यह अधिवेशन  हम सभी के लिए यादगार साबित होगा।नारी शक्ति विकाश के लिए भारत की ओर आज  दुनिया देखेंगी।इस अवसर पर 
केद्रीय राज्य मंत्री  विज्ञान व तकनीक डाo जितेन्द्र सिंह ने अपने उद्गार में कहा कि हम सभी के लिए यह क्षण आन्नदित होने का है।दो वर्ष के वाद इस कार्यक्रम आयोजन फिर से हो रहा है।यह वर्ष हम सभी के लिएबहुत महत्पूर्ण वर्ष है।आज दुनिया भारत की ओर देख रहा है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने विगत 8 वर्षों से विज्ञान - वैज्ञानिको जो सम्मान दिया है।वे इससे पहले कभी नही मिला था।मोदी जी विज्ञान के महासागर में छुपे हुए आपार क्षमता से हमें अवगत कराया।आज का यह महत्वपर्ण काँग्रेस मोदी के सफल नेतत्व में हुआ है।आज का यह सेमिनार 2047 के भारत के भविष्य की नींव है।इस अवसर पर  नितिन गड़करी केन्द्रीय सड़क व परिवहन मंत्री ने कहा कि-स्थानीय सांसद होने के नाते धन्यवाद करते है।हम आप सभी का स्वागत करते है।आज हमारी 65% आवादी गाँव मे निवास करती है।हम अपने तकनीकी का उपयोग कर भारतअमीर देश बनेगा।ग्रामीण भारत का विकाश तकनीक उपयोग कर बन सकता है।इस विश्व विद्यालय ने अपने100 बर्ष पुरे किये है।प्रधानमंत्री का सपना का आधार विज्ञान है।महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री एक नाथ सिंघे नें कहा कि आज भारतीय महिलाये का विज्ञान में महत्वपूर्ण योग्यदान है।आदिवासी/किसान को शामिल किया गया है।जो स्वागत योग्य है। इस अवसर पर महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने कहा कि-विश्व . विद्यालय के कुलपति होने का नाते हम आप सभी का स्वागत करते है। हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादूर शास्त्री जी ने जय जवान - जय किशान का नारा दिया था।जिसे भुतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने जय -जवान जय किसान के जय विज्ञान का नारा दिया था । जिसे हमारे प्रधान मंत्री मोदी ने इस मिशन को आगे बढाया है।भारत 21 वी शताब्दी में भारत विश्व के नेतृत्व करेगा।जी -20 का नेतत्व कर रहा है। हमारे वैज्ञानिक इस 3 जनवरी से 7 जनवरी 23 तक के राष्ट्रीय संगोष्ठी में चिन्तन करेगे।108 वी इंडियन साइंस काँग्रेस की अध्यक्षा विजय लक्षमी जी ने  द्वारा किया गया।