जबलपुर ।   झंडा चौक कांचघर की रहने वाली 12 वर्षीय कृति गर्ग, जिनका 10 वर्षों उपचार जारी है। इतनी छोटी उम्र में दोनों किडनी 95% फेल हो चुकी हैं। इसके पीछे बात है वर्ष 2013 की जब अचानक से एक दिन कृति को बुखार आता है और शाम को डॉक्टर के पास जाने पर ओमेगा हॉस्पिटल जबलपुर में यह कहकर भर्ती किया कि हालत बहुत ही गंभीर है। जांच में ब्लड का लेवल तीन आता है।

जबलपुर के एक हास्पिटल मे डायलिसिस के दौर से गुजर रही

आप को बता दें बेबी गर्ग कि केवल बेटियां हैं कोमल गर्ग और उससे छोटी कृति गर्ग, अपने बच्ची को बचाने के लिए कृति की मां बेबी गर्ग ने भावुकता में अपनी किडनी देने का मन बना लिया है। कृति गर्ग आज भी जबलपुर के एक हास्पिटल मे डायलिसिस के दौर से गुजर रही है। कृति को अगर से कहीं से किडनी डोनेट में मिल जाए या फिर शिवराज सिंह चौहान मामा मध्य प्रदेश सरकार का सपोर्ट मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है।

परिवार का हाल रो रो कर बहुत बुरा है

अब इस परिवार का हाल रो रो कर बहुत बुरा है,इतनी रकम एक साथ जुटाना बहुत ही मुश्किल जबकि प्रति माह खर्च है। ऐसे में बस एक ही सहारा मामा का नजर आ रहा है जबकि मामा ने अपने राज्य की दुखियारी बहनों , भांजियों का हमेशा सहयोग किया है ऐसे में आप ही हमारे सहारा हो मामा। उम्मीद है किआप हमारी उम्म्मीदों को असफल नहीं होने देंगे।

किडनी की कंडीशन बहुत ही बुरी

कुछ दिन इलाज होने के बाद गंभीर हालत में उसे चाइल्ड केयर हॉस्पिटल नागपुर रेफर कर दिया जाता है जहाँ उसका लम्बा इलाज चलता है। तब इलाज के दौरान पता लगता है की कृति के शरीर के मल्टी ऑर्गन फ़ैल हो चुके हैं जिसमें किडनी की कंडीशन बहुत ही बुरी है। करीब एक से डेढ़ महीने नागपुर के चाइल्ड केयर हॉस्पिटल में इलाज होने के बाद थोड़ी सी स्थिति में सुधार हुआ।

डॉक्टर ने कहा था कि ग्रोथ की उम्र में दिक्कत आएगी

कृति आज 12 वर्ष की हो चुकी है लेकिन इन 10 वर्षों के दौरान उसका लगातार ट्रीटमेंट चलता रहा क्योंकि डॉक्टर ने कहा था कि जब इसकी ग्रोथ की उम्र आएगी तो अगर किडनी ने सपोर्ट नहीं किया तो उसको दिक्कत आएगी। इस बीच कृति के माता-पिता ने अपने बच्ची को बचाने के लिए पैसे के लिए यहां वहां से अरेंज करके अपने गहने जेवर सब गिरवी रखकर उसका इलाज करवाया।

खर्च वहन कर पाना इस परिवार के वश‌ में नहीं

लगभग 10 वर्ष मुंबई में उपचार के बाद पता लगगा क‍ि उसकी किडनी पूर्णतः फ़ैल होने की कगार पर हैं और केवल 5% ही काम कर रही हैं जिसके बाद डॉक्टर के द्वारा किडनी रिप्लेसमेंट की सलाह दे दी जाती है जिसका खर्च वहन कर पाना इस परिवार के वश‌ में नहीं है।