एग्जाम पैटर्न और सिलेबस में हुआ बदलाव
तैयारी में ई-मटेरियल होगा काफी मददगार


भोपाल । लेक्चर और जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) की तर्ज पर राज्य स्तरीय एलिजिबिलिटी टेस्ट (एमपी स्लेट) होगा। यह परीक्षा 4 जून को होगी। इस बार स्लेट के परीक्षा पैटर्न के साथ ही सिलेबस में भी बदलाव हुआ है। यह परीक्षा ठीक नेट की परीक्षा की ही तरह होगी। इसके लिए यूजीसी द्वारा तय सिलेबस को फॉलो करना होता है। यह परीक्षा आठ साल पहले 2015 में आयोजित की गई थी। एसएलईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को पास प्रमाणपत्र प्राप्त होता है, जिसकी आजीवन वैधता होती है।
एमपी स्लेट सबसे पहले वर्ष 2003-04 में हुई थी। फिर 12 साल बाद 2015 में यह परीक्षा आयोजित की गई। अब आठ साल तक एक बार फिर परीक्षा ली जाएगी।

अब होंगे दो प्रश्नपत्र पहले एक ही होता था
स्लेट में काफी कुछ बदलाव किया गया है। पहले इस परीक्षा के लिए एक पेपर होता था, लेकिन अब दो पेपर लिए जाएंगे। यह दोनों पेपर एक ही शिफ्ट में होंगे। पहला पेपर एक घंटा और दूसरा पेपर 3 घंटे का रहेगा। पहले पेपर में 50 प्रश्न सामान्य एवं दूसरे पेपर में 150 प्रश्न विषय से संबंधित होंगे। इन्हें हल करना होगा।

देश की कठिन परीक्षाओं में से एक
उम्मीदवारों के लिए यूजीसी नेट क्लियर करना एक चैलेंजिंग टास्क है, क्योंकि इससे देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस एग्जाम में अच्छा स्कोर करने के लिए उम्मीदवारों के पास एक अच्छी तैयारी होनी जरूरी है। परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे यूजीसी नेट 2021 के लिए इन टिप्स को जरूर फॉलो करें, ताकि वे समय से प्रश्न हल कर सकें।

इस साल स्लेट का एग्जाम नेट के ही जैसा
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय में मैथमेटिक्स के प्रोफेसर डॉ. एसके मल्होत्रा ने बताया कि इस साल स्लेट का एग्जाम नेट के ही जैसा होगा। सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। इस परीक्षा के लिए यूजीसी के सिलेबस को फॉलो करना होता है। इस साल नेट की ही तरह इसके दो पेपर होंगे।