अपने पर्यटन उद्योग को फिर से खड़ा करने की कोशिश में अपनी पूरी उम्मीद भारत से जोड़ी है। श्रीलंका को आशा है कि भारत के पर्यटक और उद्योग उसकी इस कोशिश में सहायक बन कर उसे आर्थिक संकट से उबारने में अपनी भूमिका निभाएंगे। श्रीलंका की मौजूदा मुसीबत की एक बड़ी वजह वहां पर्यटन उद्योग का ठप होना रहा है। बीते 11 महीनों में वहां जितनी कम संख्या में पर्यटक आए, वैसा कई दशकों में नहीं हुआ था। श्रीलंका सरकार के अधिकारियों ने इसके लिए विदेशी मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है। उनके मुताबिक मीडिया में आने वाली खबरों से विदेशी सैलानियों में ये धारणा लगातार बनी हुई है कि श्रीलंका में भोजन और रोजमर्रा की जरूरत की दूसरी चीजों की अभी भी कमी है।

अब श्रीलंका सरकार ने अपने पर्यटन उद्योग को फिर से खड़ा करने की एक विस्तृत योजना बनाई है। फिलहाल उसने इस वर्ष आने वाले पर्यटकों की अऩुमानित संख्या घटाकर आठ से दस लाख तक कर दी है। इतने सैलानियों से श्रीलंका को 1.7 से 1.8 बिलियन डॉलर की आमदनी ही हो पाएगी, जो पहले के अनुमान से काफी कम है। नई योजना के तहत श्रीलंका ने भारतीय सैलानियों को लुभाने की मुहिम चलाने का फैसला किया है। भारतीय उद्योगों को श्रीलंका पर्यटन कारोबार में निवेश बढ़ाने के लिए राजी करने की बात भी इस योजना में शामिल है।