काठमांडू । नेपाल और चीन में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को लेकर तकरार जारी है। चीन का दावा है कि उनसे पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सहित कई परियोजनाओं को बीआरआई के अंतर्गत बनाया है। वहीं, नेपाल इन दावों से साफ इनकार कर रहा है। इस बीच अमेरिकी चाणक्य कहलाने वाले सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू एक दिवसीय काठमांडू दौरे पर पहुंच रहे हैं। हालांकि, अमेरिका और नेपाल ने उनकी यात्रा की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है। डोनाल्ड लू वहीं अमेरिकी नेता हैं, जिस पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। लू दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट में राजनयिक सूत्र के हवाले से बताया है कि अपने दक्षिण एशियाई दौरे के हिस्से के रूप में लू काठमांडू की बहुत छोटी यात्रा पर आ रहे हैं। वह भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित अन्य देशों का दौरा करने वाले हैं। लू 14 जुलाई को काठमांडू में उतकर और यहां कुछ घंटे बिताएंगे। दूतावास के अंदर और बाहर उनकी नियमित राजनीतिक बैठकें होंगी, लेकिन उनका कोई खास एजेंडा नहीं है। वह इस क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वह प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल, विदेश मंत्री एनपी सऊद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और कुछ राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करेंगे जिनकी पुष्टि अभी बाकी है।
लू का नेपाल दौरा उस समय हो रहा है, जब चीनी नेताओं के उच्च स्तरीय यात्राएं बढ़ रही हैं। लू पहले भी दो बार काठमांडू का दौरा कर चुके हैं। वह आखिरी बार नवंबर 2021 में मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन को नेपाली संसद की बिना किसी देरी के मंजूरी दिलाने का अनुरोध करने काठमांडू आए थे। उन्होंने यह दौरा उस समय किया जब एमसीसी नेपाल कॉम्पैक्ट एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था। तब उन्होंने तत्कालीन नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष केपी ओली और सीपीएन (माओवादी केंद्र) अध्यक्ष पुष्प कमल दहल से मुलाकात की और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि यह समझौता 28 फरवरी की समय सीमा के भीतर संसद से पारित हो जाना चाहिए।