उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में केवल एक बार नागपंचमी के अवसर पर केवल 24 घंटों के लिए खोले जाते हैं। इस मंदिर में स्थित भगवान शिव की अनोखी प्रतिमा के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग उज्जैन पहुंचते हैं। इस वर्ष नागपंचमी पर्व 21 अगस्त को मनाया जाएगा। लिहाजा मंदिर के पट 20 अगस्त की रात 12 बजे से 21 अगस्त की रात 12 बजे के लिए भक्तों के लिए खोले जाएंगे। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के चलते प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।

महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थित नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में केवल एक बार 24 घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन खुलते हैं। नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत शिव प्रतिमा स्थापित है, प्रतिमा में भगवान शिव अपने परिवार के साथ सात फनों वाले नागों के सिंहासन पर विराजमान हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसी प्रतिमा पूरी दुनिया में कहीं और नहीं है। नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा में शिव-पार्वती दोनों के वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित हैं। मूर्ति में भगवान गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्द्रमा भी अंकित हैं। नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति अपने आप में भव्य एवं कलात्मकता का उदाहरण है। भगवान शिव के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं। कहा जाता है कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। 

नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। जिसमें रविवार 20 अगस्त की मध्यरात्रि 12 बजे पट खुलने के बाद पंचायती महानिवार्णी अखाड़े के महंत विनितगिरी महाराज और  महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति कलेक्टर एवं अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम प्रथम पूजन व अभिषेक करेंगे। 

श्रद्धालुओं के लिए की गईं ये व्यवस्थाएं 
महाकालेश्वर मंदिर में 21 अगस्त 2023 को नागपंचमी पर्व मनाया जाएगा। साथ ही श्रावण मास का सप्तम सोमवार होने से बाबा महाकाल की सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। नागचन्द्रेश्वर भगवान के पट दिनांक 20 अगस्त 2023 को रात्रि 12 बजे खुलकर दिनांक 21 अगस्त 2023 को रात्रि 12 बजे तक खुले रहेंगे। नागचन्द्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए दिनांक 20 अगस्त 2023 को मध्य रात्रि 12 बजे से 21 अगस्त 2023 की रात्रि 12 बजे तक होंगे। श्रद्धालु 21 अगस्त 2023 को रात्रि 10 बजे तक कतार में लग सकेंगे। 

दर्शन के लिए निर्धारित मार्ग 
श्रद्धालु भील समाज धर्मशाला से प्रवेश कर गंगा गार्डन के समीप से चारधाम मंदिर पार्किंग स्थल से जिगजेग होते हुए हरसिद्धी चौराहा रूद्रसागर के पास से बड़ा गणेश मंदिर गेट नम्बर 4 या 5 के रास्ते विश्रामधाम एरोब्रिज से होकर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के दर्शन करेंगे। दर्शन के बाद एरोब्रिज की दूसरी तरफ से रेम्प मार्बल गलियारा नवनिर्मित मार्ग से प्री-पेड बूथ चौराहा पहुंचेंगे। गेट नंबर 4 या 5 के सामने बड़ा गणेश मंदिर हरसिद्धि चौराहा नृसिंह घाट तिराहा होते हुए पुन: भील समाज धर्मशाला पहुंचेंगे।