अगर आप किसी रेस्टोरेंट में जाएं और वहां से डोसा पैक करवाएं, घर आने पर पता चले कि रेस्टोरेंट वाले ने सांभर दिया ही नहीं, तो आप क्या करेंगे? वैसे ज्यादातर लोग तो चटनी से डोसा खाकर मामला रफादफा कर देंगे, लेकिन बिहार में एक वकील ने ऐसा कदम उठाया, जिसकी चर्चा देशभर में हो रही।


सांभर ने देने पर बक्सर के रहने वाले वकील कोर्ट चले गए। इसके साथ ही उन्होंने रेस्टोरेंट को नोटिस भी भेजा। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब उनके हक में फैसला आया है। कोर्ट ने रेस्टोरेंट पर जुर्माना भी ठोका, साथ ही उसे भविष्य में ऐसा नहीं करने की सलाह दी है।

जानकारी के मुताबिक बक्सर के वकील मनीष पाठक 15 अगस्त 2022 को अपने जन्मदिन के मौके पर नमक नाम के रेस्टोरेंट में गए। वहां पर उन्होंने एक डोसा पैक करवाया और 140 रुपये का भुगतान किया। घर आकर उन्होंने जब पैकेट खोला, तो पता चला कि उसमें सांभर ही नहीं है।

इसके बाद उन्होंने रेस्टोरेंट को कानूनी नोटिस भेजने का फैसला किया, जिसका जवाब नहीं देने पर मामला बिहार की उपभोक्ता अदालत में चला गया। मामले की कानूनी कार्यवाही लगभग 11 महीने तक चली।

मामले में जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश सिंह और सदस्य वरुण कुमार ने माना कि इस मामले में दुकान की गलती है। उसको डोसे के साथ सांभर देना चाहिए था, क्योंकि वकील ने पूरा भुगतान किया था। इसके बदले में रेस्टोरेंट पर 3500 रुपये का जुर्माना लगाया गया, जो वकील को मिलेगा।

आयोग ने कहा कि जुर्माने में 2000 रुपये पाठक की मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना के लिए है, जबकि 1500 रुपये मुकदमे की फीस है। ये राशि रेस्टोरेंट को 45 दिनों के अंदर चुकानी होगी। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो उनको 8 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।

वहीं पाठक ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं का अधिकार बरकरार रहना चाहिए। ये फैसला भविष्य के केस में भी उदाहरण बनेगा। हालांकि ये साफ नहीं हो पाया कि रेस्टोरेंट ने सांभर जानबूझकर नहीं डाला था या फिर उससे गलती से छूट गया था।