आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में बिजली मंहगी कर दी गई है। बिजली की बढ़ती लागत के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने मुस्लिम लीग-एन पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। पीटीआई ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ महीनों में बिजली की दरें 85 रुपये प्रति यूनिट के आसपास पहुंच सकती हैं।

बिजली की बढ़ती कीमत को लेकर पाकिस्तान में जमकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे है। इस बीच पीटीआई महासचिव उमर अयूब खान ने आरोप लगाया है कि पीएमएल-एन सरकार 'बढ़े हुए और असहनीय' बिजली बिलों के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन देश को महंगी आयातित ऊर्जा पर निर्भर बना रहा है। पाकिस्तान सरकार के टेक-एंड-पे अनुबंध के कारण इस साल का भुगतान 2,000 बिलियन तक पहुंच गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान में उत्पादित बिजली का 70 प्रतिशत आयातित ईंधन पर निर्भर है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अयूब खान ने दावा किया कि बिजली की कीमत केवल 15 महीनों में चार गुना से अधिक बढ़ गई है। पीटीआई के कार्यकाल के दौरान बिजली की दरें 16 प्रति यूनिट से इस साल 68 प्रति यूनिट पर पहुंच गई है। बिजली बिलों में बढ़ोतरी के बाद आम जनता और व्यापारी संघों ने कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया। अब यह मामला पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल-हक काकर के पास है, जो इस मामले को देखते हुए रविवार को आपात बैठक करेंगे।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने इस्लामाबाद में बैठक बुलाई है और ऊर्जा मंत्रालय और बिजली वितरण कंपनियों को इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने का भी निर्देश दिया है। पाकिस्तान के पीएमओ के बयान के अनुसार, उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के संबंध में अधिकतम राहत देने के संबंध में विचार-विमर्श किया जाएगा। कराची में हो रहे विरोध प्रदर्शन में अतिरिक्त करों में कमी की मांग की है।