बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की राजनीति को विवादो का ग्रहण लग चुका है और यही कारण है कि उनके आमला में आयोजित कथित सर्वधर्म सम्मेलन और सम्मान समारोह के बाद यह चर्चा शुरू हो गई कि जो अतिथि मंच पर बैठकर मांसाहार और मदिरा सेवन को लेकर ज्ञान दे रहे थे वही बाद में बतौर अतिथि मांसाहार का सेवन करते हुए पाए गए! हालांकि इस चर्चा में कितनी सत्यता है और कितनी नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है! लेकिन इसको लेकर एक नया विवाद जरूर खड़ा होता नजर आ रहा है? निशा बांगरे के कथित राजनैतिक प्रतिद्वंदी इस तरह की चर्चाओं को जो हवा दे रहे है उसकी सत्यता जानने के लिए और निशा बांगरे का पक्ष सामने रखने के लिए उनके मोबाईल पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उनके आयोजन जो बाहर से वीवीआईपी आए थे उन्हें भोज में क्या परोसा गया और क्या नहीं परोसा गया? पूरा मामला चर्चाओं के साथ गरमा भी रहा है।

वहीं अभी दूसरी तरफ आयोजन को लेकर अनुमति का विवाद भी बरकरार है। जो भी हो लेकिन जिस तरह से निशा बांगरे ने आयोजन की तैयारियां की थी, प्रचार-प्रसार किया था, उस लिहाज से वहां लोग जमा ही नहीं हुए। दावा तो यह किया जा रहा है कि महज 1500 से 2 हजार लोग ही कार्यक्रम में आए। इससे बड़ा सवाल यह उठता है कि निशा बांगरे जिस तरह का पॉलिटिकल स्टंट दिखा रही थी, क्या वह मैदानी स्तर पर फेल हो गया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो कथित मीडिया उनका टेम्पो बना रही थी क्या वह फर्जी था?

- मांझी सरकार भी रूष्ट होकर जाने लगी तो हाथ-पैर जोडक़र रोका...


बताया गया कि कार्यक्रम में कुछ अभद्रता हो जाने को लेकर मांझी सरकार के जो कार्यकर्ता बैठे हुए थे वे नाराज हो गए और बड़बड़ाते हुए बाहर जाने लगे। यह स्थिति देखकर निशा बांगरे के पति सुरेश अग्रवाल ने हाथ-पैर जोडक़र जैसे-तैसे उन्हें रोका। बताते है कि मांसाहारी वाली बात पता लगने पर वे भी नाखुश थे।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 26 जून 2023