बैतूल (हेडलाइन) / नवल वर्मा। नगरपालिका बैतूल में पदस्थ सहायक यंत्री नीरज धुर्वे के बारे में यह सर्वविदित है कि वे सांसद के प्रिय है और इसलिए उन पर किसी का जोर नहीं चलता। जोर नहीं चलने का नतीजा यह है कि वे अपनी मनमर्जी की नौकरी करते हैं और मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं । उनकी वर्किंग स्टाईल का खामियाजा गरीब तबके सहित पार्षदों को उठाना पड़ रहा है। इसका एक बड़ा नमूना पटेल वार्ड में सामने आया है। यहां पर प्रधानमंत्री आवास के सामने बनने वाली नाली की टीएस देने को ही सहायक यंत्री नीरज धुर्वे तैयार नहीं है। अब टीएस क्यों नहीं देना चाहते इसका कोई स्पष्ट कारण भी उन्होंने कभी सार्वजनिक नहीं किया है और न ही ऐसा कुछ फाईल पर लिखा है जिससे ज्ञात हो सके कि किन कारणों से एई साहब टीएस देने को तैयार नहीं है। अब ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो गया है कि नगरपालिका में इस बात की समीक्षा हो कि ऐसे कितने प्रस्ताव है जिनमें टीएस नहीं हो पा रही है और क्यों नहीं हो पा रही है?

- लगभग 32 मीटर नाली बन जाती तो गरीबों को गंदगी से मिलती निजात..
पटेल वार्ड में जहां प्रधानमंत्री आवास बने है वहां रहने वाले वार्डवासियों ने बताया कि यदि 32 मीटर नाली बना दी जाती तो गरीब तबके के निवास वाला यह क्षेत्र गंदगी से मुक्त हो जाता। वार्डवासियों का कहना है कि नाली क्यों नहीं बन रही है इसका कोई स्पष्ट कारण अभी तक उनके सामने नहीं आया है, लेकिन यहां पर नाली बनाया जाना अतिआवश्यक है। उनका कहना है कि नाली के लिए कई बार पूर्व और वर्तमान पार्षद को कह चुके है।

- पार्षद के प्रस्ताव पर स्टीमेट बनाया जा चुका पर टीएस नहीं हुई...
वार्डवासियों की मांग को ध्यान में रखते हुए पूर्व पार्षद ने नगरपालिका को पत्र लिखा और लगातार अधिकारियों से निवेदन किया। इसके बाद उक्त क्षेत्र में नाली निर्माण के लिए स्टीमेट फाईल भी बनाई गई, लेकिन इसके बाद क्या हुआ कि फाईल आगे ही नहीं बढ़ी। अब इससे स्पष्ट हो जाता है कि स्टीमेट के बाद फाईल टीएस के लिए एई के पास गई और संभवत वहां पर जाकर डम्प हो गई जिससे नाली नहीं बन पाई।

- जवाबदेही से बचने के लिए एई ने फोन अटेंड करना ही कर दिया बंद...
नपा में एई की वर्किंग के कारण निर्माण कार्य और विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। ठेकेदारों में भी आक्रोश बढ़ रहा है और जिस तरह के मामले सामने आ रहे है उन पर एई नीरज धुर्वे का पक्ष जानने के लिए उनके दूरभाष पर संपर्क किया जाता है, लेकिन वे फोन अटेंड नहीं करते है, व्हाटसएप पर उनका पक्ष जानने के लिए सवाल भेजे जाते हैं तो भी वे जवाब नहीं देते इससे लगता है कि वे जवाबदेही से बच रहे है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल, 21 जनवरी 2023