रामायण में राजा दशरथ की तीनों रानी भगवान राम, लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न समेत लगभग हर किरदार से आप वाकिफ होंगे. लेकिन क्या आपको पता है कि प्रभु श्री राम की एक बड़ी बहन भी थीं. जिनका नाम शांता था.

हिंदू धर्म में वेद, पुराण,ग्रंथ और अन्य धार्मिक पुस्तकों में हिंदू धर्म की संस्कृति और विरासत का वर्णन किया गया है. इन वेद पुराणों में जीवन जीने की पद्धति समेत धर्म-अधर्म को लेकर उपदेश दिए गए हैं. चारों वेदों समेत रामायण, महाभारत जैसे धर्म ग्रंथों में कई पौराणिक कहानियों का जिक्र किया गया है. रामायण में वर्णित श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी समेत सभी पात्रों से तो हम सभी भलीभांति परिचित हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान श्रीराम की एक बहन भी थीं. बहुत कम लोगों को इसके बारे में पता होगा. तो चलिए जानते हैं पंडित हेमंत (सोनू) पात्रीकर से कि भगवान श्रीराम की बहन कौन थीं...

- राम की बहन का नाम शांता...
राजा दशरथ और रानी कौशल्या की पहली संतान एक पुत्री थी. जिसका नाम शांता था. शांता भगवान श्रीराम की बड़ी बहन थी. पुराणों के अनुसार, शांता प्रत्येक कार्यों में दक्ष थीं और बुद्धिमान होने के साथ-साथ अनेक कार्यों में निपुण थीं.

- ऋषि शृंगी कौन थे...
प्रभु श्री राम की बहन से कैसे हुआ इनका विवाह, जानें यह रोचक पौराणिक कथा...
-  ऋषि वाल्‍मीकि की लिखी रामायण के पात्रों को ज्‍यादातर लोग जानते हैं, पर शृंगी ऋषि के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. शृंगी ऋषि ने अपने जप और तप से बहुत सिद्धि प्राप्त की. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शृंगी ऋषि ने राजा दशरथ के पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया था. पर शृंगी ऋषि राजा दशरथ के दामाद कैसे हुए.
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हिंदू धर्म में वेद, पुराण,ग्रंथ और अन्य धार्मिक पुस्तकों में हिंदू धर्म की संस्कृति और विरासत का वर्णन किया गया है. इन वेद पुराणों में जीवन जीने की पद्धति समेत धर्म-अधर्म को लेकर उपदेश दिए गए हैं. आप सबको पता ही होगा कि रामायण भी एक धार्मिक ग्रंथ है. रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के चरित्र, धर्म पर अधर्म की जीत समेत अन्य कई कहानियों का वर्णन है. रामायण में कई पात्रों का चरित्र चित्रण किया गया है. इसी तरह रामायण कालीन ऋषि शृंगी के बारे में भी बताया गया है.

ऋषि शृंगी के बारे में बहुत ज्यादा लोगों नहीं पता है. बहुत कम लोगों को ये पता होगा ऋषि शृंगी राजा दशरथ के दामाद थे. कई लोगों को ये भी नहीं पता होगा कि राजा दशरथ की कोई बहन भी थीं. आइए आज हम आपको बताते हैं की शृंगी ऋषि कौन थे, ये राजा दशरथ के दामाद कैसे हुए. साथ ही आपको बताएंगे कि पुत्र प्राप्ति के लिए ऋषि शृंगी ने राजा दशरथ की मदद कैसे किए थे.

राजा दशरथ से था ये रिश्ता
शृंगी ऋषि रामायण काल के जाने माने बेहद सिद्ध पुरुष थे. शृंगी ऋषि विभांडक ऋषि के पुत्र और कश्यप ऋषि के पौत्र थे. धार्मिक मान्यता के अनुसार राजा दशरथ और कौशल्या की एक पुत्री थीं. जिनका नाम शांता था. जिन्हें कौशल्‍या की बहन वर्षिणी और उनके पति अंग देश के राजा रोमपद ने गोद लिया था. बाद में शांता का विवाह ऋषि श्रृंगी से कर दिया गया. इस तरह रिश्ते में ऋषि शृंगी राजा दशरथ के दमाद और प्रभु श्री राम के जीजा हुए.


इधर, शांता के बाद राजा दशरथ की कोई संतान नहीं हुई थी. वो एक पुत्र चाहते थे, जो उनके राजवंश को आगे बढ़ाए. जिसके लिए उन्होंने अपने मंत्री सुमंत के कहने पर ऋषि श्रृंगी को पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने के लिए बुलाया. शृंगी ऋषि बहुत बड़े संत थे. अपने मंत्री के कहने पर राजा दशरथ ने शृंगी ऋषि को बुलाया. श्रृंगी ऋषि के आने पर राजा दशरथ ने उनका सत्‍कार किया और पुत्री शांता से कुशलक्षेम पूछकर रीति के अनुसार सम्‍मान किया. जिसके बाद ऋषि शृंगी ने अपने तप के प्रभाव से यज्ञ कराया.

- कहानी का एक और पहलू...
कहानी का एक और संस्करण है जो टीवी के एक धारावाहिक में दिखाया गया था. इसके अनुसार शांता को किसी को भी गोद नहीं दिया गया था. अयोध्या में एक बार भयंकर सूखा पड़ा था और ऋषि श्रृंग को यज्ञ करने के लिए बुलाया गया था. ऋषि श्रृंग द्वारा यज्ञ किए जाने पर जोरदार बारिश होती है और हर कोई खुशी से झूम उठता है. राजा दशरथ ऋषि श्रृंग को पुरस्कृत करने की इच्छा जताते हैं.

- ऋषि श्रृंग की मांग...
ऋषि ने राजा दशरथ की बेटी शांता का हाथ मांगकर वहां सबको चौंका दिया. हालांकि राजा दशरथ अपनी राजकुमारी बेटी का हाथ एक ऋषि को देने के इच्छुक नहीं थे लेकिन फिर भी वह इस बात के लिए मान गए.

- पुत्रकामेष्टि यज्ञ...
सालों बाद भी राजा दशरथ की कोई संतान नहीं होती है. वह पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने के लिए फिर से ऋषि श्रृंग को आमंत्रित करते हैं. यज्ञ कराने के बाद ऋषि श्रृंग रानियों को प्रसाद खाने को देते हैं और इस तरह अयोध्या के राजकुमारों का जन्म होता है.

- शांता के बारे में विभिन्न मत...
रामायण के कई पात्रों की कहानियों की तरह शांता के बारे में भी विभिन्न मत हैं. सत्य साईं बाबा ने  19 May, 2002 को दिए अपने एक प्रवचन में भगवान राम की बहन का जिक्र किया था. प्रवचन के अनुसार राम को जन्म देने से पहले कौशल्या की एक बेटी थी जिसका नाम शांता था. चूंकि वह एक लड़की थी और सिंहासन पर नहीं बैठ सकती थी, इसलिए उन्होंने शांता को एक ऋषि को गोद दे दिया. ऋषि ने उन्हें पाल पोसकर बड़ा किया और ऋषि श्रृंग के साथ उनका विवाह किया.

- भाइयों के जन्म में सहायक...
शांता के बाद राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी, वो एक पुत्र चाहते थे जो उनके राजवंश को आगे बढ़ाए. उन्होंने ऋषि श्रृंग को पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने के लिए बुलाया जिसके परिणामस्वरूप राम, भरत और जुड़वां लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं, सामान्य मान्यताओं और धार्मिक ग्रंथो पर आधारित हैं... Headline24x7.com इनकी पुष्टि नहीं करता है... इन पर अमल करने से पहले संबधित विषय विशेषज्ञ से संपर्क अवश्य करें।)