बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले में काजू, आम और मुनगा प्रोजेक्ट शुरू करने के बाद विवादों में आई तत्कालीन प्रभारी उप संचालक उद्यानिकी डॉ. आशा उपवंशी के खिलाफ राज्य शासन ने विभागीय जांच शुरू की है। इसके आदेश जारी कर दिए गए है। तीन माह में जांच पूर्ण कर प्रस्तुत करने को कहा गया है। अपर संचालक उद्यान, डॉ. के. एस. किराड़ को यह जांच सौंपी गई है। जिसमें बैतूल के उप संचालक उद्यान को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया है। उन्हें कहा गया है कि वे जांच अधिकारी से समन्वय स्थापित कर शासन द्वारा नियत समयावधि में जांच पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

सहायक संचालन उद्यान ने मध्यप्रदेश शासन, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के आदेश के संदर्भ में विभागीय जांच के लिए यह पत्र जारी किया है। बैतूल में उद्यान विभाग के प्रमुख राजकुमार कोरी ने बताया कि आशा उपवंशी के खिलाफ विभागीय जांच संस्थित की गई है। जिनमें उन्हें प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया है। लेकिन जांच के बिंदु क्या है वे नहीं जानते। उन्हें फिलहाल जांच का पत्र प्राप्त हुआ है।
उद्यानिकी विभाग ने वर्ष 2018-19 में काजू की व्यवसायिक खेती प्रारंभ करने की योजना बनाई थी। उस समय बताया जा रहा था कि भारत सरकार के काजू एवं कोको निदेशालय के द्वारा यह अनुशंसा की गई है कि बैतूल की मिट्टी एवं जलवायु काजू की खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त है। वर्ष 2020-21 में वृहद स्तर पर काजू के बगीचे लगाए जाने के लिए लक्ष्य जारी किए गए। विभाग द्वारा जिले में 483 हेक्टेयर काजू रोपण किया जाना प्रस्तावित किया गया था। सूत्र बताते हैं कि करोड़ों रुपए की इस परियोजना में भारी गड़बड़ी किए जाने की शिकायत हुई थी। इस मामले में राज्य सरकार ने रिकवरी भी निकाली थी। आरोप था की काजू के पौधे तो बुलवा लिए गए थे। लेकिन उनका रोपण नहीं किया गया। इसके अलावा आशा उपवंशी के प्रभारी रहते यहां तोता परी आम के पौधे लगाए जाने का भी प्रोजेक्ट बनाया गया था। बता दे कि आशा उपवंशी फिलहाल सिवनी में सहायक संचालक उद्यान है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 01 अगस्त 2023