बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल नगरपालिका में एई साहब जो बयान देते है वे किस आधार पर देते है और क्यों देते है यह भी एक बड़ा सवाल है। अक्सर अखबारों में उनके बयान सूर्खियां जरूर बनते है, लेकिन उनकी इस तरह की बिना तथ्य की बयानबाजी के कारण नपा की छवि धूमिल होती है। ऐसे प्रमाण भी सामने आ रहे है जिसमें एई साहब ने अखबारों में हवाई फायर वाले बयान दिए है और छपे भी है। कई बार यह भी देखने में आया कि उनके दिए गए बयानों की सत्यता सार्वजनिक होने जाने के बावजूद भी उन्हें बिना तथ्य करने में कोई गुरैज नहीं है। उनकी बेबुनियाद बयानबाजी का एक बड़ा उदाहरण सामने आया है।  दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित अखबार में उन्होंने बिना सोचे समझे, बिना फाईल देखे बयान दे दिया, जबकि उन्होंने जो बयान में कहा है वैसा कुछ उस समय हुआ ही नहीं। इससे यह समझ आता है कि एई साहब को यही पता नहीं रहता कि हो क्या रहा है और चल क्या रहा है। इसका बड़ा कारण यह है कि वे सहायक यंत्री वाले मूल कार्य से ज्यादा अघोषित ठेकेदारी पर ज्यादा फोकस करते है, इसलिए उन्हें यह पता ही नहीं रहता कि किस फाईल में क्या चल रहा है। इसलिए नगरपालिका में विभिन्न निर्माण कार्यो का टीएस होने का मामला भी लगातार लंबित चलता है। उपरोक्त मामले में एई का पक्ष जानने उनसे दूरभाष पर संपर्क किया गया उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया गया तो उन्हें मामले से संबधित सवाल भेजे गए, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
परिषद में टेंडर स्वीकृति के पहले ही एई नीरज धुर्वे ने अखबार को दिए बयान में वर्क आर्डर जारी कर दिया
दैनिक भास्कर में स्टॉप डैम निर्माण संबधित प्रकाशित समाचार में एई नीरज धुर्वे ने बयान दिया था कि माचना एनीकेट के आगे स्टॉप डैम बनाया जाना है। वर्कआर्डर मई माह में ही हो चुका है, लेकिन ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया। जल्द ही काम शुरू करवाने की हिदायत दी जाएगी, जिससे कि गर्मियों में काम पूरा हो सके। जबकि सच्चाई यह है कि 7 नवम्बर को प्रकाशित इस खबर के पहले उक्त निर्माण के टेंडर की पीआईसी या परिषद से कोई स्वीकृति ही नहीं हुई थी।
21 अक्टूबर को परिषद की बैठक में स्टॉप डैम निर्माण टेंडर को मिली थी मंजूरी फिर ठेकेदार को दिया पत्र
इस स्टॉप डैम निर्माण से जुड़ी कागजी खानापूर्ति वाली प्रक्रिया में वास्तविकता यह है कि 21 अक्टूबर 2022 को नपा परिषद की बैठक में स्टॉप डैम निर्माण टेंडर को मंजूर किए जाने का प्रस्ताव लिया गया। यह प्रस्ताव एजेंडे में क्रमांक 1 पर ही दर्ज था। इस प्रक्रिया के बाद नगरपालिका ने 18 नवम्बर को ठेकेदार को पत्र क्रमांक 2914 के माध्यम से ठेके की अनुबंध प्रक्रिया पूरी करने के लिए सूचना दी थी। अब स्थिति में 7 नवम्बर को बयान में किस आधार पर एई ने मई की बात कही।
24 नवम्बर को हुआ अनुबंध और 5 दिसम्बर को ठेकेदार को वर्कआर्डर 
अखबार में दिए बयान में मई में जिस निर्माण का वर्कआर्डर जारी होना एई ने बताया था उसमें 24 नवम्बर 2022 को नगरपालिका ने ठेकेदार से अनुबंध किया है। इसके बाद 5 दिसम्बर 2022 को नगरपालिका ने उक्त ठेकेदार को वर्कआर्डर जारी किया है। अब ऐसी स्थिति में यह समझ से परे है कि एई नीरज धुर्वे किस आधार पर मई में वर्कआर्डर जारी होना बता रहे थे।
एई के तुगलकी तरीकों से नपा की छवि पर पड़ रहा बुरा असर
जिस तरह की एई नीरज धुर्वे की वर्किंग है उसमें आलम यह है कि समय पर फाईलों को देखा नहीं जानता, उनको नियम अनुसार आगे नहीं बढ़ाया जाता। एई साहब न तो नपा में आकर बैठना पसंद करते है और न ही फाईलों को देखना पसंद करते है। यदि वे समय पर फाईले देख रहे होते तो उन्हें यह अच्छा से पता होता कि माचना स्टॉप डैम का वर्कआर्डर मई में नहीं हुआ है, जबकि अक्टूबर माह की परिषद की बैठक में एई स्वयं भी मौजूद थे, लेकिन 7 नवम्बर को दिए बयान में एजेंडे के 1 नम्बर के प्रस्ताव का ध्यान नहीं।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल, 19 जनवरी 2023