बैतूल(हेडलाइन)/ नवल वर्मा । भीमपुर क्षेत्र में सहकारी सेक्टर के कारनामे हमेशा से ही चर्चा में रहे हैं । यहां पर केसीसी से लेकर गरीब हितग्राहियों के राशन तक हर स्तर पर गड़बडियाँ होती है और सूर्खियों में भी आती है? फिलहाल चांदू सेक्टर की सहकारी समितियां ज्यादा चर्चा और सवालों के घेरे में है! इसका बड़ा कारण हरिराम जैसे प्रबंधक को बताया जा रहा है? जिनकी आय से अधिक संपत्ति है! जिनकी कार्यप्रणाली हमेशा से विवादस्पद रही है? राजनैतिक संरक्षण की वजह से यह हमेशा फलते फूलते रहे है और प्रशसान इन पर कार्रवाई करने से कतराता रहा है और इसका पूरा फायदा इस टाईप के भ्रष्ट प्रबंधक हमेशा से उठाते आए है? हरिराम के जो जातिगत और सामाजिक समीकरण है उसकी वजह से हर स्तर पर इसे राजनैतिक संरक्षण मिलता है, इसलिए इसके खिलाफ जांच तक नहीं होती है! यदि जांच होती तो यह संभव ही नहीं था कि भतीजे की बही पर काका के खाते में लोन दिया जाए और उस पर कोई कार्रवाई न हो? पर ऐसा कारनामा भी हरिराम कर चुका है!

- कोल्हूढाना के भतीेजे की बही पर जामू में रहने वाले काका के खाते में दी लोन की राशि...
हरिराम को लेकर क्षेत्र के किसानों ने ही बताया कि इसने चूनालोमा कोल्हूढाना निवासी एक कृषक की बही पर जामू निवासी एक अन्य कृषक के खाते में राशि दी है! जिस कृषक की बही है वह भतीजा है और जिसके खाते में राशि गई वह काका है? अब यह हेरफेर कैसे हुआ और क्यों हुआ इसका जवाब या तो हरिराम दे सकता है या सहकारिता विभाग के ऑडिटर दे सकते है! वैसे यह नियम विरूद्ध ही माना जाएगा?

- हरिराम की माया कुछ ऐसी है कि ससुर के पास भी है दो-दो लग्जरी गाडिय़ां...
इधर चांदू क्षेत्र के लोगों में जो चर्चाएं है उनके अनुसार हरिराम ने चंद वर्षो में ही सहकारिता में ऐसा डमरू बजाया कि उसकी ही नहीं बल्कि उसके नाते रिश्तेदारों की भी कायापलट हो गई है! उदाहरण के तौर पर लोग बताते है कि इसके ससुर के पास भी दो-दो लग्जरी गाडिय़ां है? हालांकि यह गाडिय़ां केवल उनके नाम पर है पर इनका उपयोग हरिराम ही करता है? ऐसे ही पत्नि के नाम पर भी अपार अचल संपत्ति की चर्चा है?

- कलेक्टर का चेम्बर भी इतना लग्जरी नहीं होगा जितना चांदू में हरिराम का ऑफिस है..!
जो लोग कलेक्टर के चेम्बर को देख चुके है उनका दावा है कि यदि इसकी तुलना चांदू स्थित हरिराम के ऑफिस से की जाए तो कलेक्टर का चेम्बर भी उसके सामने फीका नजर आएगा! जो लग्जरी चेम्बर चांदू में हरिराम का है और उसके वेयर हाउस पर ऑफिस बना है वह ऑलीशान है और सर्वसुविधायुक्त है? इन ऑफिस को देखकर ही महज नौ हजार के मानदेय वाले हरिराम को आसपास के क्षेत्र के लोग साहब बुलाते है!

- प्रशासन आखिर इन बिंदुओं पर क्यों नहीं कराता जांच, आखिर हरिराम को कौन बचा रहा..?
किसानों एवं ग्रामीणों का कहना है कि हरिराम पर पूर्व में भी गबन के मामले सार्वजनिक हुए, शिकायत हुई, जांच में सिद्ध भी पाए गए? ऑडिट रिपोर्ट में भी घपले घोटाले सामने आते रहे है, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई? मिट्टी तेल के बंदरबाट के मामले में सारी चीजें सार्वजनिक है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई! इसके पूरे कार्यकाल में ही कई तरह के विवाद और घोटाले है? ग्रामीणों की कानाफुसी से तो यह भी पता लगता है कि इसकी नियुक्ति पर ही कई सवाल है? अब पूरे मामले को लेकर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू तक जाने की तैयारी में हैं।
नवल वर्मा बैतूल हेडलाइन बैतूल ,  24 जनवरी 2023