मोरखा/बैतूल (हेडलाइन)/ नवल वर्मा । भगवान जब हमारी मदद करने आता है तो उसका ढंग निराला होता है। हमारे विरोधी भी हमारे पक्ष में बोलने लगते हैं। अशोक वाटिका में जब रावण माँ सीता को मारने दौड़ता है तो उसकी पत्नी मंदोदरी कहती है - ठहरिये । ये क्या कर रहे हैं। आप एक विश्वविजेता हैं, एक निरीह स्त्री पर वार करना उचित नहीं है। ऐसा कहकर वो सीताजी को बचा लेती है। हनुमानजी यह दृश्य देख रहे थे । वे समझ गए कि यह सब भगवान की माया है।

उपरोक्त उद्गार जीवन प्रबंधन गुरु पं. विजयशंकर मेहताजी ने श्रीराम मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीराम कथा त्रिवेणी के दूसरे दिन शनिवार को व्यक्त किए। पं. मेहता 'चिंतायुक्त राम और चिंतामुक्त राम' विषय के आधार पर कथा की व्याख्या कर रहे हैं। उन्होंने किष्किंधा काण्ड, सुंदरकाण्ड के विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या सुमधुर भजनों के साथ की।

आयोजन समिति के कैलाश रघुवंशी एवं राजेश आहूजा के अनुसार कथा का समापन रविवार को होगा। दोपहर 1 से 4 बजे तक कथा में बड़ी संख्या में श्रोता पधा रहे हैं। 29 जनवरी रविवार को पं. मेहता सुंदरकाण्ड, लंका काण्ड और उत्तर काण्ड के विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या करेंगे। 30 जनवरी सोमवार को हवन-पूजन के साथ पूर्णाहुति होगी ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 29 जनवरी 2023