बैतूल(हेडलाइन)/नवलवर्मा । कार्यालय एकीकृत बालविकास परियोजना आमला द्वारा आंगनवाडी कार्यकर्ता के रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान आंगनवाडी केंद्र ग्राम बोरीखुर्द में अपात्र को प्रथम वरीयता देने का मामला सामने आया है। इस मामले में अन्य आवेदिका ने अंतिम मेरिट सूची पर भी आपत्ति दर्ज कराई है। फर्जीवाड़े की जांच कराने और कार्यकर्ता की कथित नियुक्ति निरस्त कराने की मांग जिला प्रशासन से की गई है।
बोरीखुर्द में आंगनवाडी कार्यकर्ता के एक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे। जिसमें बोरीखुर्द निवासी अनुभवशील सहायिका बनिता पत्नि बाबूराव पंडाग्रे ने भी आवेदन किया था। आवेदिका ने मांगी गई सभी योग्यताओं की पूर्ति आवेदन पत्र में पूरी की थी ।

बावजूद इसके गांव के ही सम्पन्न परिवार से संबंध रखने वाली महिला को अन्तिम मेरिट सूची में प्रथम स्थान पर रखा गया जबकि पात्र गरीब आवेदिका को मेरिट लिस्ट में तीसरा स्थान दिया गया। उक्त परिवार गरीबी रेखा सूची अंतर्गत आता हीं नहीं है गांव में भूमि, पक्का मकान, वाहन सहित सभी सुख सुविधाएं उक्त परिवार के पास मौजूद हैं। जांच के बाद सत्यता पाए जाने पर तहसीलदार आमला द्वारा बीपीएल कार्ड निरस्त भी कर दिया गया है। फिलहाल यह मामला न्यायालय में लंबित है। अपीलार्थी बनिता पंडाग्रे ने शंका जाहिर की है कि परियोजना कार्यालय आमला द्वारा साठगांठ कर फर्जी तौर पर गरीबी रेखा राशन कार्ड के आधार पर जानबूझकर प्रत्याशी मीना को प्रथम स्थान पर लाकर उसे नियुक्ति प्रदान की गई है जो नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है।

आवेदिका बनिता पंडाग्रे ने गैरअपीलार्थी क्रमांक 2 के आवेदन पर भी आपत्ति जताते हुए बताया कि गैरअपीलार्थी दीपमाला वर्तमान में आंगनवाड़ी केन्द्र गोड़ीढाना मदनी (बारछी) परियोजना आमला में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ है। जिसने अभी तक त्यागपत्र भी नहीं दिया है। वहीं वह ग्राम बोरीखुर्द की स्थाई निवासी भी नही है। इस कारण गैरअपीलार्थी उक्त पद के लिये पात्र नहीं है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 21 फ़रवरी 2023