बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। सतपुड़ा की गोद में बसे एतिहासिक बैतूल के समीप बालाजीपुरम धाम में आयोजित तीन दिवसीय मध्य भारत प्रांत के अभ्यास वर्ग के दूसरे दिन आज प्रथम सत्र में प्रवीण गुगनानी ने समाज में मीडिया के महत्व पर विचार रखे।
 उन्होने बताया मीडिया समाज का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है जो लोगो के सामने समाज की वास्तविक स्थिति को दर्षाता है। समय के अनुसार प्रचलन में आए शोसल मीडिया की जानकारी भी साझा की, साथ ही संगठन और मीडिया के संबधो को भी विस्तार से वर्ग में आए प्रतिनिधियो को बताया।
दूसरे सत्र में भारत भारती के सचिव, जलप्रहरी मोहन नागर द्वारा रसायन मुक्त कृषि पर विस्तार से प्रकाश डाला उन्होने बताया, जैविक कृषि के सूत्र ने समझाया है कि जैविक कृषि का अर्थ किसान भाई एक बाजार से मुक्ति और रसायन युक्त कृषि से मुक्ति देता है जैविक कृषि प्रांरभ करने के लिए हमें सिर्फ चार चीजो को विषेष ध्यान में रखना पड़ेगा। सबसे पहले अपनी दृड़ इच्छा शक्ति कर अपने को तैयार करना की हमारा मन अब सिर्फ जैविक कृषि करना है। इसके बाद दूसरा काम अपने खेतो को जैविक कृषि करने योग्य बनाना जब हम हमारे खेतो को जैविक कृषि करने योग्य बना लेगे उसके बाद हमें रसायन का उपयोग किए बिना ही अधिक उत्पादन मिलने लगेगा।  इन कार्यो को करने के बाद हमें अपना स्वयं का जैविक बीज भी तैयार करना होगा, जिससे हम पुरी तरह से जैविक कृषि कर सके। यह कार्य करते करते हमें अपना खाद तैयार करने के लिए भी सम्पन्न होना जरूरी है तब ही हम पुरी तरह से जैविक कृषि को करने में सफल होगे।
  उन्होने बताया हमें चार प्रकार की संपदाओ की सुरक्षा करना है रक्षा करना है तब ही हम एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते है। वन संपदा, भू संपदा, जल संपदा और गौवंष संपदा, इन्हे हमें तेेजी से बचाने के प्रयास करने होगे जैसे ही यह संपदा कम होगी, हमें जैविक कृषि और अन्य कार्य करने में कठिनाईयो का सामना करना पड़ेगा। आजादी के पहले से कुछ वर्षो की बात हटा दे तो प्रत्येक व्यक्ति के पास तीन गौवंष होते थे। आज इस ओर देखे तो सबसे ज्यादा गिरावट गौवंश पालको में आई है, इस गिरावट का असर भी हमारे दैनिक जीवन में हुआ है। हम सभी किसान भाई जैविक कृषि छोड़ रसायन से कृषि करने लगे रसायन ने हमारे खेतो के अतिसुक्ष्म किसानो के मित्र जीवो को पुरी तरह से नष्ट कर दिया है। रसायन कृषि पर अभी नियंत्रण नही किया तो जल्द इसके दुष्परिणाम होगे।
तीसरे सत्र को भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मोहनी मोहन मिश्र ने कार्यकर्ताओ को अपने कर्तव्यो के बारे में विस्तार से बताया। सभी दायित्ववान कार्यकर्ता के पास किसान अपनी समस्या लेकर आते है, उन्हे जल्द से जल्द निराकरण कराने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। जब समस्या का निराकरण न निकले तो उसे टोली और सामुहिक चर्चा कर निराकरण दायित्ववान कार्यकर्ताओ को कराना चाहिए। भारतीय किसान संघ का कार्यकर्ता इतना पांरगत हो कि जटिल से जटिल समस्याओ हल निकालने में पांरगत होना चाहिए, अंतिम सत्र के पश्चात वर्ग में आए सभी कार्यकर्ता और अधिकारियो ने भगवान बालाजी मंदिर की संध्या आरती में शामिल हुए और भगवान बालाजी से देश - प्रदेश सुख समृद्वि की कामना की।
नवल वर्मा हेडलाइन 26 फ़रवरी 2023