गुरुवार 06 अप्रैल को हनुमान जी का प्रकट उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन पूजा के साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी करना चाहिए। सुंदरकांड पढ़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है और मन शांत होता है। श्रीराम चरित मानस के इस कांड में हनुमान जी ने हमें बताया है कि कम समय में बड़े काम कैसे कर सकते हैं।

हनुमान जी को देवी सीता की खोज में समुद्र पार करके लंका पहुंचना था। जब वे उड़ते हुए समुद्र पार कर रहे थे तो रास्ते में उनके सामने सुरसा नाम की राक्षसी आ गई। सुरसा हनुमान जी को खाना चाहती थी। उसने अपना मुंह बड़ा करके खोला तो भगवान ने भी अपना रूप बड़ा कर लिया। सुरसा का मुंह और बड़ा हुआ तो हनुमान जी ने अपना छोटा रूप किया और उसके मुंह में जाकर वापस लौट आए।

हनुमान जी के इस काम से सुरसा प्रसन्न हो गई और उसने रास्ता छोड़ दिया। रास्ते में मैनाक पर्वत ने हनुमान जी से विश्राम करने के लिए कहा था, लेकिन हनुमान जी मैनाक पर्वत से कहा कि जब तक राम काज पूरा नहीं हो जाता, तब तक वे विश्राम नहीं कर सकते। इसके बाद सिंहिका नाम की राक्षसी ने भी हनुमान जी को रोकना चाहा, लेकिन हनुमान जी ने उसका वध कर दिया और आगे बढ़ गए।

हनुमान जी ने सुंदरकांड में संदेश दिया है कि जब हमें बड़े काम करना हो और समय कम हो तो हमें इधर-उधर की बातों में ध्यान नहीं भटकाना चाहिए। काम करते समय जैसी बाधा आए, उस हिसाब से ही उसे हल करना चाहिए।

- हनुमान जी का संदेश...
सुंदरकांड में हनुमान जी ने संदेश दिया है कि कभी-कभी किसी के सामने छोटा बनकर भी उसे पराजित किया जा सकता है। शत्रु बड़ा हो तो उससे डरे नहीं, बुद्धिमानी का उपयोग करें और आत्मविश्वास बनाए रखें। लक्ष्य बड़ा हो तो हमें विश्राम करने में या किसी से युद्ध करने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।

- हनुमान जन्मोत्सव पर पूजा में शामिल करें ये 4 विशेष वस्तुएं , इनके बिना अधूरी है बजरंगबली की पूजा...

इस बार श्री हनुमान जन्मोत्सव 06 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा । हनुमान भक्ति करने वालों पर कभी विपदा नहीं आती।
 इस दिन चैत्र पूर्णिमा है। हर साल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हनुमान जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्री हनुमान के जन्म का उद्देश्य राम भक्ति था। राम भक्त हनुमान को संकटमोचक भी कहा जाता है। बजरंगबली ज्ञान, बुद्धि, विद्या और बल का प्रतीक माने गए हैं। इनकी भक्ति करने वालों पर कभी विपदा नहीं आती। जैसा हमारे विषय विशेषज्ञ पंडित हेमंत (सोनू) पात्रीकर ने बताया कि धार्मिक मान्यता अनुसार हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर अगर विधि विधान से मारुति नंदन की पूजा की जाए तो स्वयं हनुमान साधक की हर संकट में रक्षा करते हैं। हनुमान जी की पूजा घर पर करने से बहुत फायदे होते है लेकिन हनुमान मंदिर में जाकर पूजा करें तो अत्यंत लाभकारी होता है।

 आइए जानते हैं हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंगबली की पूजा की सामग्री और शुभ मुहूर्त...

चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 05 अप्रैल 2023 बुधवार को प्रातः 09:19 बजे से शुरू होगी। पूर्णिमा तिथि का समापन 06 अप्रैल 2023 गुरुवार, प्रातः 10:04 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार हनुमान जयंती 06 अप्रैल 2023 को है। इस दिन कई लोग हनुमान जी के निमित्त व्रत भी रखते हैं।

शुभ (उत्तम) - सुबह 06.06 - सुबह 07.40
लाभ (उन्नति) - दोपहर 12.24 - दोपहर 01.58

- हनुमान जन्मोत्सव पूजन सामग्री...
पूजा की चौकी, लाल कपड़ा, लाल लंगोट, पंचामृत, जल कलश, जनेऊ
सिंदूर, चमेली का तेल, गंगाजल, चांदी/सोने का वर्क, अक्षत, चंदन, गुलाब के फूलों की माला, इत्र, भुने चने, गुड़, नारियल, केला, चूरमा, बनारसी पान का बीड़ा, दीपक, धूप, अगरबत्ती, कपूर, सरसो का तेल, घी, तुलसी पत्र सहित हनुमान जी की पूजा में सिंदूर, गुड़, चना और दीपक अति आवश्यक है। मान्यता है कि इन चार चीजों के बिना बजरंगबली की पूजा अधूरी मानी जाती है।


- हनुमान जन्मोत्सव पूजा विधि...
हनुमान जी हर बुरी शक्त‍ि का नाश कर हर काम में आगे बढ़ने में मदद करने वाले हैं। ऐसे में हनुमान जन्मोत्सव पर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। लाल वस्त्र पहनें और फिर बजरंगबली को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। सरसों के तेल का दीपक लगाकर
"ॐ मारुतात्मजाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। बजरंगबली को गुड़-चने का भोग लगाएं और फिर घर या मंदिर में 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।   कहते हैं इस दिन घर में सुंदरकांड करना चाहिए। इससे हनुमान जी का घर में वास होता है। जीवन की हर तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।


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