बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभाओं को क्या अधिकार है और क्या नहीं, इसका एक नमूना चिल्लौर पंचायत में देखने में आया है। यहां पर ग्रामसभा में एक प्रस्ताव लिया है। जिसमें ग्राम सभा ने निर्णय लिया है कि एक अपराधिक मामले में पेसा एक्ट के तहत आरोपियों को ग्राम सभा के समक्ष शांति समिति में प्रस्तुत किया गया है और इसके लिए एसडीएम तथा पुलिस अधीक्षक को बकायदा पेसा एक्ट के तहत ग्राम पंचायत नोटिस जारी करेगी। दरअसल ग्राम पंचायत में यह प्रस्ताव इसलिए लिया कि मोहदा पुलिस ने मामले में गुमशुदा युवती और आरोपियों को दस्तयाब कर लिया, लेकिन उसे ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। इसलिए ग्रामसभा ने युवती के माता-पिता के अनुरोध पर पेसा एक्ट के तहत यह निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि पेसा एक्ट में इस तरह का प्रदेश का पहला मामला है। अखिल गोंडवाना महासभा के संरक्षण हेमंत सरियाम का कहना है कि पेसा एक्ट के तहत मोहदा पुलिस की जिम्मेदारी थी कि वह आरोपी तथा दस्तयाब युवती को ग्रामसभा के समक्ष प्रस्तुत करें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पेसा एक्ट में आदिवासी रूढि़वादी संस्कार और संस्कृति के संरक्षण के लिए ही अधिकार दिए गए है और उसका उल्लंघन हुआ है। इसलिए ग्रामसभा को नोटिस देने का अधिकार है।

- यह है मामला...
चिल्लौर निवासी एक आदिवासी ने मोहदा थाने में 4 जून को एक आवेदन दिया। जिसमें उसने बताया कि उसकी इकलौती पुत्री का विवाह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 2 मई को होना था। सामाजिक परम्पराओं के अनुसार 10 मई को विवाह होना था, लेकिन 1 मई को ही उसकी पुत्री घर से भाग गई। जिसकी एफआईआर मोहदा थाने में दर्ज की थी। जिसे पुलिस ने दस्तयाब कर लिया। अत: दोनों को पेसा कानून के तहत चिल्लौर ग्राम सभा की शांति समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।

- यह है ग्रामसभा का प्रस्ताव...
सोमवार 5 जून को चिल्लौर ग्रामसभा में उपस्थित सदस्यों ने यह निर्णय लिया है कि आदिवासी ग्रामीण ने जो आवेदन दिया है, उसके अनुसार उसकी लापता पुत्री को लेकर पुलिस द्वारा कोई राहत नहीं दी गई है। अत: ग्राम सभा पेसा एक्ट नियम 12 (1) के तहत परम्परागत रूढिय़ों के उद्देश्य से पेसा नियम 14 (6) शांति तथा विवाद निवारण समिति को आवेदक द्वारा जो आवेदन दिया गया है उसके तहत यह प्रस्ताव लिया जाता है कि एसडीएम तथा पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजा जाए। ग्रामसभा ने यह निर्णय सर्वसम्मिति से लिया है।

- पेसा एक्ट में ग्रामसभा की शक्ति एवं कार्य...
धारा 12 के तहत 
ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत की शक्तियां एवं कृत्य- (1) ग्राम सभा की शक्तियां एवं कृत्य- किसी अनुसूचित क्षेत्र में, ग्राम सभा को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 7 के अधीन उसे प्रदत्त शक्तियों तथा कृत्यों के अतिरिक्त निम्नलिखित शक्तियां तथा कृत्य होंगे, अर्थात (क) व्यक्तियों की परंपराओं तथा रुढियों, उनकी सांस्कृतिक पहचान और सामुदायिक संसाधनों को तथा विवादों के निराकरण के रूढिग़त रीतियों को सुरक्षित तथा संरक्षित करना। 

- धारा 14 के तहत 
शांति एवं विवाद निवारण समिति के कार्य ...
 (1) ग्राम सभा द्वारा ग्राम सभा के सदस्यों में से कम से कम 05 व अधिकतम 07 सदस्यों का चयन कर शांति एवं विवाद निवारण समिति का गठन किया जावेगा। उक्त समिति में ग्राम में निवासरत अनुसूचित जनजातियों को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व प्रदान किया जावेगा तथा इस समिति में कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधित्व महिलाओं को दिया जाना अनिवार्य होगा।
(2) ग्राम सभा के सचिव द्वारा शांति एवं विवाद निवारण समिति के गठन की जानकारी स्थानीय पुलिस स्टेशन को प्रेषित की जावेगी। 
(3) यह समिति पारम्परिक पद्धति से ग्राम के विवाद निवारण का कार्य करेगी तथा ग्राम में शांति बनाये रखने की दिशा में कार्य करेगी।
(4) इस समिति के निर्णय के विरुद्ध ग्राम सभा में अपील की जा सकेगी। 
(5) प्रत्येक शांति एवं विवाद निवारण समिति की बैठक की कार्यवाही का अभिलेख संधारण समिति के सचिव द्वारा किया जायेगा।
(6) स्थानीय पुलिस स्टेशन में ग्राम से संबंधित किसी प्रथम सूचना रिपोर्ट के दर्ज होने पर शांति एवं विवाद निवारण समिति को सूचित कराया जावेगा।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 05 जून 2023