राष्ट्रीय दिव्य दुनिया ने अपने सफलतम सफर के 11 कदम सुधि पाठकों और विज्ञापनदाताओं के सहयोग से सफलता और गौरव के साथ पूरे किए है। उम्मीद है कि यह सफर ऐसे ही जारी रहेगा और जन सामान्य की आवाज बनकर हम अपने कर्तव्य का पालन भी इसी तरह करते रहेंगे। राष्ट्रीय दिव्य दुनिया ने एक-एक कदम जिस उत्साह और सतर्कता के साथ पूरा किया है, वह इस बात का प्रमाण है कि पत्रकारिता को जिंदा रखा है। महज व्यवसाय के लिए अपने सिद्धांतों के साथ कभी कोई समझौता नहीं किया। खबर की विश्वसनीयता को लेकर इतना सजग रहे कि जब तक प्रमाणित तथ्य न हो तब तक किसी भी मामले में हमने खबरें ही नहीं लिखी, खबर छोड़ देना तक उचित समझा। हवाहवाई खबरों से सनसनी फैलाना हमारा उद्देश्य नहीं है। हमारा लक्ष्य  मुद्दे आधारित पत्रकारिता है, जिसका मूल मकसद जनसरोकार है। यही वजह है कि राष्ट्रीय दिव्य दुनिया का अपना एक पाठक वर्ग है, जिसे इस बात का भरोसा है कि यदि राष्ट्रीय दिव्य दुनिया में कोई खबर छपी है तो वह अक्षरश: सत्य ही होगी। हमारे द्वारा मुहिम चलाकर विभिन्न मुद्दों पर निर्णायक भूमिका अदा की गई है। जिसके परिणाम भी लोगों के सामने है। हम पाठकों को आज भी यकीन दिलाते हैं कि राष्ट्रीय दिव्य दुनिया आने वाले समय में भी अपनी ओर से कोई ऐसा काम नहीं करेगा, जिससे कि पत्रकारिता शर्मिंदा हो और पाठकों का विश्वास डगमगा जाए। हमारे सिद्धांत ही हमारी पूँजी है। यही कारण है कि सीमित संसाधन में भी हम निरंतर अखबार का प्रकाशन कर रहे है। यह उस दौर में कर रहे है जब न्यूज प्रिंट महंगा हो गया है, पोर्टलबाजी चरम पर पहुंच गई है। अखबारों का व्यवसाय सिकुड़ रहा है। यह सब कर पाने की वजह यह है कि हमारी नियत और नीति में कोई अंतर नहीं है। रोजमर्रा की घटना, दुर्घटनाओं और आयोजनों की खबरों से परे जाकर लोकहित के मुद्दे उठाना, उस आम गरीब व्यक्ति की लड़ाई लडऩा जिसकी तरफ सत्ता और शासन ध्यान नहीं देता। राजनीति और प्रशासनिक सिस्टम को आईना दिखाना और उस पर नज़र रखते हुए लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा में मदद करने का हर संभव प्रयास किया है। हमें विश्वास है कि आपका साथ ऐसा बना रहा तो हम पत्रकारिता में मील का पत्थर अवश्य साबित होंगे ।