बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। धारणाधिकार के तहत आवासीय पट्टों को लेकर प्रोग्रेस बहुत बेहतर नहीं है। कुछ नगरीय निकायों को लेकर जो आंकड़े सामने आते है, उससे तो साफ नजर आता है कि कलेक्टर द्वारा राजस्व अधिकारियों की बैठक में की जाने वाली समीक्षा और निर्देश के बावजूद भी कुछ तहसीलदार अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे है। यह प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी फ्लैग स्कीम में शामिल है। इसके बावजूद बैतूल नगर और बैतूलबाजार नगर सहित घोड़ाडोंंगरी के आंकड़े चिंताजनक है। यहां पर प्रोग्रेस की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। जबकि भैसदेही, शाहपुर, चिचोली और आठनेर का रिजल्ट आंकड़ों में बेहतर नजर आ रहा है।

- धारणाधिकार में 30 वर्ष के लिए दिया जा रहा है स्थाई आवासीय पट्टा...
नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर बसे लोगों को 30 साल के लिए स्थायी पट्टा दिया जाएगा। योजना के तहत जिले में अब तक 3 हजार ऑनलाइन आवेदन आए हैं। प्रशासन ने सभी तहसीलदारों को प्रकरण बनाने के लिए लक्ष्य भी दिए हैं। उन्हें शहरी इलाकों में 500-500 प्रकरण तैयार कर उनकी सुनवाई करना है। इस प्रक्रिया में निर्विवाद भूमि पर बसे लोगों को भूमि स्वामी अधिकार पत्र दिया जाएगा। योजना के तहत नगरीय क्षेत्र में स्थित शासकीय भूमि पर 31 दिसंबर 2014 या उसके पूर्व निर्विवाद रूप से अधिपत्य में रहे और वर्तमान में अधिपत्य में रह रहे पात्र व्यक्तियों को 30 साल के लिए स्थाई पट्टे प्रदान किए जाएंगे। इस आधार पर जहां शासन को राजस्व मिलेगा। 

- धारणाधिकार के तहत इन जगहों का नहीं मिलेगा पट्टा...
नदी या नाला या जल संग्रहण क्षेत्र के रूप में अभिलिखित हो, संहिता की धारा 233-क के अधीन आरक्षित, किसी धार्मिक संस्था या माफी औफाक से संबंधित भूमि, नगरीय क्षेत्रों में पार्क, खेल के मैदान, सडक़, गली या अन्य किसी सामुदायिक उपयोग की, राजस्व वन भूमि यानि छोटे-बड़े पेड़ों का जंगल, न्यायालय में विचाराधीन भूमि, नगरीय निकाय में किसी विकास योजना से संबंधित, शासकीय परियोजना या सार्वजनिक प्रयोजन के लिए आरक्षित भूखंड आदि।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 20 जून 2023