बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। अमानक खाद, बीज के मामले में पुराने डीडीए केपी भगत वाले ढर्रे पर ही चलते हुए वर्तमान डीडीए रामगोपाल रजक भी चलते हुए नजर आ रहे है। जबकि अमानक बीज के मामले में कृषि मंत्री कह चुके है कि एफआईआर की जाए और रासुका भी लगाई जाए, लेकिन आज तक तो ऐसा हुआ नहीं है। जब भी सेम्पल फेल होते है तो कृषि विभाग दुकानदार का लाईसेंस निलंबित कर देगा या निरस्त कर देगा। इससे ज्यादा कोई कार्रवाई नहीं करता। नतीजा यह है कि बीज के नाम पर संदिग्ध बीज बेचा जा रहा है, जिसका कोई हिसाब किताब नही है। अब इस स्थिति में सबसे बड़ी समस्या है कि सेम्पल की रिपोर्ट आने के बाद जो बीज अमानक होता है उसकी किसानों को जानकारी ही नहीं मिलती है और न ही क्षतिपूर्ति मिलती है।

- पिछले सीजन में 21 नमूने फेल हुए पर कोई ठोस एक्शन नहीं...
 पिछले खरीफ सीजन और रबी सीजन दोनों का हिसाब, किताब देखा जाए तो करीब 21 बीज के नमूने फेल हुए। इन नमूनों की रिपोर्ट तब आई जब बोवनी हो चुकी थी। इसके बावजूद किसी भी मामले में एफआईआर नहीं हुई।

- किसानों को पता नहीं चलता कि उनका बोया बीज अमानक था...
अमानक बीज की रिपोर्ट हमेशा बोवनी के बाद आती है। क्योंकि सेम्पल ही लेट लिए जाते है। अब ऐसी स्थिति में यदि बीज अमानक हो जाए तो किसानों को पता ही नहीं चलता कि उन्होंने जो बीज बोया था वह अमानक है।

- अधिकारी बचाते है अमानक बीज में उत्पादक और विक्रेता को...
अमानक बीज के मामले में एक बात स्पष्ट है कि अधिकारी ही उत्पादक और विक्रेता को बचाने का काम करते है। इसलिए पहले नोटिस और लाईसेंस निलंबन और निरस्तीकरण ही करते है। किसानों से क्षतिपूर्ति का वाद नहीं लगावाते।

- कृषि मंत्री ने 2022 में कहा था कि अमानक बीज में रासुका लगाओ फिर भी न भगत ने लगाया न रजक लगाएंगे...
कृषि मंत्री कमल पटेल ने 30 जुलाई 2020 को निर्देश दिए थे कि अमानक बीज के मामले में रासुका लगाई जाए। इसके बाद बैतूल जिले में पदस्थ रहे डीडीए केपी भगत ने अमानक बीज के मामले में रासुका तो दूर की बात है एफआईआर तक नहीं कराई और वर्तमान डीडीए रामगोपाल रजक की कार्यप्रणाली से भी लगता है कि उनकी भी मंत्री के आदेश मानने में रूचि नहीं है।

- अमानक खाद , बीज के मामले में किसानों को मिलना चाहिए क्षतिपूर्ति...
कलेक्टर बैतूल अमनबीर सिंह बैंस का भी मानना है कि खाद, बीज के मामले में यदि सेम्पल अमानक होता है तो उक्त खाद, बीज का उपयोग करने वाले किसानों को क्षतिपूर्ति मिलना चाहिए। वे यह बात जानते है कि सामान्य तौर पर बोवनी हो जाने के बाद भी खाद, बीज की सेम्पल रिपोर्ट सामने आती है। उनका कहना है कि वे कृषि विभाग को इस बात के लिए निर्देशित करेंगे कि जो खाद, बीज अमानक होगा उसकी संपूर्ण जानकारी सार्वजनिक करेंगे। उस सेम्पल वाले लॉट का खाद, बीज किन किसानों तक पहुंचा है, उन तक सूचना पहुंचाने का काम करेंगे। जिससे कि वे उपभोक्ता फोरम में क्षतिपूर्ति के लिए क्लेम कर सकें। उनका भी मानना है कि खाद बीज के मामले में महज लाईसेंस निलंबन या निरस्त करना पर्याप्त नहीं है।

- इनका कहना...
- सूचना मिलते ही टीम एक्शन लेंगे...
यदि अमानक बीज को लेकर कोई भी सूचना है तो हमें बताएं, तत्काल एक्शन होगा। इस बार सेम्पल का फार्मेट बदला है। कलेक्टर साहब को बीज की स्थिति पर अवगत कराया है।
- रामगोपाल रजक, डीडीए, बैतूल।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 29 जून 2023