बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । कांग्रेस के अंदर राजनैतिक गुटबाजी में यह सामने आ रहा है कि कुछ तत्व निशा बांगरे को दिखाकर अपनी दबाव की राजनीति करना चाहते है और ऐसा करने वालों के साथ मंगलवार को भोपाल में निशा बांगरे का लंच चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ द्वारा भी निशा बांगरे को लेकर जो फीडबैक लिया गया, उसमें वह किसी भी हालत में पूर्व में चुनाव लड़ चुके मनोज मालवे के टक्कर में नजर नहीं आ रही है। कमलनाथ के सर्वे के आधार पर तो यह माना जाता है कि मनोज मालवे का चुनाव लडऩा तय है। हालांकि निशा बांगरे अपने पैड मीडिया मैनेजमेंट से जो हवा बनाती हुई दिखाकर टिकट कबाडऩा चाहती है, लेकिन द प्रिंट के बैतूल में हुए एक सर्वे में आमला विधानसभा से मनोज मालवे को लगभग हरी झंडी जैसी स्थिति दी है।

- यह चार फैक्टर मनोज मालवे की स्थिति को करते हैं मजबूत...

- फैक्ट 01 - लगातार क्षेत्र में सक्रिय...
पिछला चुनाव हारने के बाद भी मनोज मालवे लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे है। स्थानीय मुद्दों को उठाया है। स्थानीय चुनाव में प्रत्याशियों को हर तरह से मदद की है। पंचायती राज और नगरपालिका चुनाव में भी उम्मदवारों के लिए ताकत लगाई है।

- फैक्ट 02 - पिछली गलती से लिया सबक...
पिछले चुनाव में जिन कारणों से मनोज मालवे जीतता हुआ चुनाव हार गए थे, उन गलतियों से मालवे ने सबक लिया और उसे सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किए। अब उनको लेकर आम लोगों में सकारात्मक स्थिति देखी जाती है।

- फैक्ट 03 - सबको साथ लेकर चल रहे...
मनोज के क्षेत्र में कम से कम आधा दर्जन टिकट के दावेदार बताए जाते है, लेकिन मनोज मालवे सबके साथ है और सबको साथ लेकर चल रहे है। उन्होंने कांग्रेस को वहां एकजुट कर रखा है, इसलिए कमलनाथ का खेड़ली में सफल कार्यक्रम भी हुआ था।

- फैक्ट 04 - लोगों में है सहानुभूति...
मनोज मालवे आमला क्षेत्र के स्थानीय व्यक्ति है और उनका जीवंत संपर्क है, इसलिए पिछला चुनाव हारने के बाद उनकी मेहनत को देखते हुए लोगों में उनके प्रति सहानुभूति का भी माहौल देखा जाता है।

- निशा की ट्रिक्स यहां नहीं कर रही काम...
1 - कथित पेड मीडिया से माहौल बनाने की कोशिश।
2 - कांग्रेस की गुटबाजी में कथित विधायक के माध्यम से टिकट के लिए लॉबिंग।
3 - अपने आप को आमला से कनेक्ट करने की कोशिश, जबकि सबको पता है कि उनकी स्थानीयता नहीं है।
4 - लोकल लेबल पर कार्यकर्ताओं के नाम पर उनके पास कुछ नहीं है।
5 - आमला-सारनी का जो ट्रेंड है उसमें निशा टाईप राजनीति लोगों पर असर नहीं करती है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 30 जून 2023