बैतूल(हेडलाइन)/ नवल वर्मा। राजस्व में सबसे ज्यादा काम जिस पर रहता है वह पटवारी है और इन पटवारी पर इतना ज्यादा काम का बोझ है कि वे हैरान परेशान है और ऊपर से प्रशासनिक अधिकारियों का रिजल्ट को लेकर दबाव अलग है। बैतूल जिले में जितने पटवारी हल्के है, उतने पटवारी ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे में किसी पटवारी के पास दो हल्के है तो किसी के पास तीन हल्के है। पटवारियों का कहना है कि जो राजस्व का काम है उसका दायरा इतना ज्यादा हो चुका है कि काम समेटना ही मुश्किल हो जाता है। पहले राजस्व में सीमांकन, बंटवारा, नामांकन जैसे ही काम हुआ करते, लेकिन शासन की योजनाओं से जुड़े हुए कई तरह के काम का दबाव लगातार रहता है। क्योंकि इन योजना वाले कामों में टारगेट के आधार पर समीक्षा होती है।

- 569 हल्के और मात्र 229 पटवारी...        
जिले की 10 तहसीलों में कुल 569 पटवारी हल्के है, लेकिन वर्तमान स्थिति में मात्र 229 पटवारी ही काम कर रहे है। अब ऐसी स्थिति में एक-एक पटवारी के पास दो-दो तीन-तीन हल्के है। इसमें कई पटवारी है ऐसे है जिनके हल्कों के बीच ही 20-20, 25-25 किलोमीटर का अंतर है। ऐसे में काम कैसे करते होंगे और क्या रिजल्ट देते होंगे इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

- सीमांकन, बंटवारे जैसे कामों में तय समय सीमा...
सीमांकन, बंटवारे और नामांतरण जैसे काम अब लोक गारंटी सेवा के अधीन आते है और इनके लिए समय सीमा निर्धारित है। इस समय सीमा में काम न करने पर जुर्माने की कार्रवाई होती है। सीमांकन जैसे कामों में वैसे ही विवाद की स्थितियां रहती है। इस तरह की स्थितियों में सीमांकन, बंटवारा और नामांकन को लेकर होने वाली समीक्षा में भी टारगेट पटवारी ही रहते है।

- पीएम, सीएम सम्मान निधि, आबादी और धारणा अधिकार...
पटवारियों के हवाले वर्तमान में पीएम, सीएम सम्मान निधि के हितग्राहियों के सत्यापन का काम भी है। इसमें उन्हें उनके नाम में स्पेलिंग मिसटेक से लेकर आधार लिंक सहित अन्य खामियां ढूंढकर सही करवाना है। वहीं आबादी सर्वे और धारणा अधिकार शासन की फ्लैग स्कीम है। इसमें टारगेट को लेकर पूरा फोकस पटवारियों पर ही रहता है, क्योंकि मूल काम पटवारियों को दे रखा है।

-मोबाईल एप वाली गिरदावरी और सीएम हेल्पलाईन...
पटवारियों को एल-1, एल-2  और  एल-3 स्तर की सीएम हेल्पलाईन निपटारे की भी जिम्मेदारी दी है। हर माह 11 तारीख से लेकर 19 तारीख तक पटवारियों को पेडिंग सीएम हेल्प लाईन को लेकर शाम, दाम दंडभेद लगाकर सीएम हेल्पलाईन उठवानी पड़ती है। वहीं अब गिरदावरी का काम भी मोबाईल एप के माध्यम से हो रहा है, जिसमें खेत में जाकर फोटो अपलोड करनी होती है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 03 जुलाई 2023