बैतूल(हेडलाइन) / नवल वर्मा । आए दिन सडक़ वीभत्स सडक़ दुर्घटनाएं सामने आती है, जिसमें कई लोगों की जान जाती है और कई लोग अपंग हो जाते है। यह सब लोगों की जानकारी होने के बावजूद भी लोग सीट बेल्ट और हेलमेट जैसी अनिवार्य सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। पिछले तीन वर्ष में करीब 800 लोगों ने सडक़ दुर्घटना में अपनी जान गवाई है और करीब 4 हजार लोग घायल हुए है या अन्य तरीके से उनका नुकसान हुआ है। यह सब ट्रैफिक पुलिस एक प्रदर्शन वाहन के माध्यम से लोगों को दिखा रही है और दुर्घटनाओं को लेकर डरा रही है, फिर भी लोग न तो हेलमेट लगाकर चल रहे है और न ही सीट बेल्ट बांध रहे है। शुक्रवार और शनिवार दो दिन ट्रैफिक पुलिस कारगिल चौक पर अपने सडक़ सुरक्षा जागृति रथ के साथ कारगिल चौक पर खड़े होकर चालानी कार्रवाई कर रही है। इस वाहन को लोग देखते हुए ट्रेफिक पुलिस के आसपास से ही निकल रहे है। वो टूू- व्हीलर बैठे नजर आ रहे है तो अधिकांश बिना हेलमेट के ही टू-व्हीलर चलाते नजर आ रहे है। जबकि जो आंकड़े ट्रैफिक पुलिस दिखा रही है वह बहुत भयावह है, इसके बावजूद सीट बेल्ट बांधने और हेलमेट लगाने को भी जी का जंजाल समझते है। यही कारण है कि टू-व्हीलर वाले हेलमेट और फोर-व्हीलर वाले सीट बेल्ट से खुला परहेज करते नजर आते है। ट्रैफिक पुलिस भी चालान बनाने में ही ज्यादा फोकस करती है, क्योंकि उनके पास भी टारगेट है।

- सबसे ज्यादा सडक़ दुर्घटना के मामले मुलताई थाना क्षेत्र में...
यदि ट्रैक रिकार्ड देखा जाए तो सर्वाधिक सडक़ दुर्घटना के मामले मुलताई थाना क्षेत्र में ही सामने आते है। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब इस थाना क्षेत्र में कोई सडक़ दुर्घटना न हो। इसके बावजूद यहां पर ट्रैफिक का अमला ही नहीं है।

- सड़क दुर्घटना में मरने वाले सर्वाधिक आदिवासी और युवा...
 यह भी ट्रैक रिकार्ड सामने आता है कि बाईक से होने वाली दुर्घटनाओं में सर्वाधिक दुर्घटना आदिवासी वर्ग और युवा वर्ग की है और मरने वालों की संख्या भी सर्वाधिक आदिवासी और युवा की ही रहती है। अधिकांश मामलों में इनके पास ड्राईविंग लाईसेंस भी नहीं होता है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 16 जुलाई 2023