बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले में एक जिला एक उत्पाद के तहत लाए गए वुडन कलस्टर का मामला कई तरह के सवालों को जन्म दे रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि इस कलस्टर से किसका भला होगा? क्या एसपीवी के मुठ्ठी भर कर्ताधर्ताओं की लॉटरी लगेगी या प्रचार के अनुसार बेरोजगारों का भला होगा। इस बात को समझने के लिए कुछ सवाल के साथ उद्योग विभाग के जीएम रोहित डाबर से जवाब मांगा गया तो उनका कहना था कि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़ेगा। हालाकि वुडन कलस्टर को अच्छी तरह से समझने वाले एक्सपर्ट का कहना है कि यह एक तरह से सरकारी जमीन को ठिकाने लगाकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने का ही खेल है। 

- क्या सांसद-विधायक इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाएंगे...
जो कुछ वुडन कलस्टर के नाम पर कढ़ाई में चल रहा है, इसको लेकर जिम्मेदार जनप्रतिनिधि सांसद डीडी उईके और बैतूल विधायक निलय डागा अधिकारियों से सवाल-जवाब करेंगे और आम जनता को बताएंगे कि वास्तव में हो क्या रहा है?

- एसपीवी को लेकर क्यों लोगों के मन में है तमाम तरह की आशंकाएं...
बैतूल जिले के उद्योग विभाग में कुछ लोगों को लेकर कहा जाता है कि यह सब सब्सिडी खाने के खिलाड़ी है! अब जब एसपीवी की बात आ रही है तो इसमें भी इन्हीं चेहरों को लेकर बार-बार लोगों के मन में शंकाए - कुशन्कायें पैदा हो रही है?

- सीधी बात...
उद्योग विभाग जीएम बैतूल के साथ...
राष्ट्रीय दिव्य दुनिया :- एसपीवी में कौन-कौन सदस्य है और इसका अध्यक्ष कौन है और किस की क्या भूमिका है?
जीएम उद्योग विभाग :- इसमें पांच-छह सदस्य है और इसके अध्यक्ष ब्रजआशीष पांडे है। यह उन लोगों द्वारा गठित किया गया है।
राष्ट्रीय दिव्य दुनिया :- जिले के आरा मशीन संचालक और फर्नीचर विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें इसमें क्यों शामिल नहीं किया गया और जो लोग शामिल हुए है वे किस आधार पर हुए है?
जीएम उद्योग विभाग :- इसमें कोई भी शामिल हो सकता है। किसी के लिए रोक-टोक नहीं है। जो एसपीवी में शामिल होगा, उसे ही उद्योग के लिए भूमि आवंटन भी होगा। हम मीटिंग में कई बार कह चुके है और भी लोग इसके सदस्य बने।
राष्ट्रीय दिव्य दुनिया :- ओडीओपी में बैतूल ने सागौन एक जिला एक उत्पाद के तहत है, लेकिन कागज पर तो हर तरह से बनने वाली चौखट पल्ले, फर्नीचर आदी शामिल किए गए यह कैसे संभव है।
जीएम उद्योग विभाग :- एक जिला एक उत्पाद में सागौन है, लेकिन वुडन कलस्टर का यह एक पार्ट है। इसमें सभी तरह के निर्माण को मौका मिलेगा, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले।
राष्ट्रीय दिव्य दुनिया :- जमीन के सीमांकन सहित आवंटन आदि की प्रक्रिया में नियमों और प्रक्रिया का पूरा पालन नहीं हुआ है? सीमांकन और चिन्हांकन कैसे हुआ?
जीएम उद्योग विभाग :- जो भी किया गया राजस्व विभाग द्वारा किया गया। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। नियम प्रक्रिया से सब हुआ है। इस बारे में एसडीएम ही बता सकते है।
राष्ट्रीय दिव्य दुनिया :- वहां पर दो सरकारी स्टॉप डेम है, इस तरह की स्थितियों के कारण भविष्य में यह प्रोजेक्ट उलझेगा तो कौन जिम्मेदार होगा?
जीएम उद्योग विभाग :- ऐसा कुछ नहीं होगा, जो भी हो रहा है नियम से हो रहा है।
राष्ट्रीय दिव्य दुनिया : - एसपीवी में क्या मप्र से बाहर से भी कोई सदस्य हो सकता है?
जीएम उद्योग विभाग : - उद्योग तो कोई भी आकर लगा सकता है और जो उद्योग लगाएगा वह एसपीवी का सदस्य होगा।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 26 जुलाई 2023