बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। फाईव स्टार कालोनी का यह फर्जीवाड़ा अब वहां प्लॉट खरीदने वाले लोगों पर भारी पडऩे वाला है। कालोनी फिर से प्रबंधन में जाने की वजह से न वहां बैंक लोन देगी और न ही बिजली कंपनी वहां पर स्थाई कनेक्शन देगी। ऐसी स्थिति में वहां जिन्होंने प्लॉट खरीद चुके है वे खुले छल का शिकार हुए है।
बताया गया कि एसडीएम ने प्रबंधन मुक्त करने के बाद उस पर आई आपत्ति को लेकर कलेक्टर द्वारा फाईल पुन: तलब करने पर करीब डेढ़ महीने तक फाईल ही कलेक्ट्रेट नहीं भेजी थी। जो जानकार है कि उनका दावा है कि यह इसलिए किया गया था कि इस दौरान फाइव स्टार के डेव्हलपर्स वहां पर तमाम प्लॉट बेचकर मुक्त हो जाए। इस दौरान भारी संख्या में प्लॉट बेचे भी गए है और रजिस्ट्री भी हुई है। अब जब पुन: कालोनी को प्रबंधन में ले लिया है तो जिन्होंने वहां प्लॉट खरीदे है, उनके पास क्षतिपूर्ति का कोई विकल्प ही नहीं हैं, क्योंकि यह कालोनी रेरा में भी रजिस्ट्रर्ड नहीं है। 
वहीं जब कालोनी को प्रबंधन से मुक्त किया गया था तब उसके पास टीएनसीपी की अनुमति भी नहीं थी। इतनी बड़ी खामी होने के बाद भी एसडीएम ने कालोनी को प्रबंधन मुक्त किया और एडीएम ने कलेक्टर के आदेश पर फिर से कालोनी को प्रबंधन में लिया है। इससे साफ नजर आता है कि कालोनी को प्रबंधन मुक्त करने में नियम प्रक्रिया का खुला उल्लंघन हुआ है। ऐसी स्थिति में कालोनी को प्रबंधन मुक्त करने वाले एसडीएम के खिलाफ भी विधि अनुसार जांच होना चाहिए। जानकार बताते है कि इस मामले में एसडीएम को लेकर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भी शिकायत होने वाली है और इस दौरान एसडीएम ने जिन-जिन कालोनी में प्रबंधन मुक्त की कार्रवाई की थी, उन सबकी पुन: विवेचना को लेकर भी मांग उठने लगी है।
लोगों का कहना है कि जिस तरह से इन्होंने आनन-फानन में अवैध कालोनियां मुक्त की है। वही अपने आप में गहन जांच का विषय है

- डबल चार्ज में इवने साहब कर रहे है यह भी गोलमाल...
आरआई राहुल इवने के पास डबल चार्ज है वह शहर के आरआई होने के साथ-साथ एसडीएम कार्यालय में कालोनियों की अनुमति वाली शाखा को भी देख रहे है। यह आरआई साहब तमाम जानकारियां और तथ्य छिपाने में विश्वास करते है! अवैध कालोनियों में कार्रवाई से बचते है?

-पटवारी प्रतिवेदन के बाद भी नहीं कर रहे थे कार्रवाई...
एसडीएम केसी परते को लेकर बताया गया कि इनके कार्यकाल में अवैध कालोनियों को लेकर एक दर्जन से ज्यादा शिकायतें अलग-अलग फोरम पर हुई है। कई अवैध कालोनियों को लेकर पटवारियों द्वारा प्रतिवेदन दिया गया, लेकिन इन्होंने किसी भी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की है। यह अपने आप में बड़ा मसला और जाँच का विषय है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 31 जुलाई 2023