बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। फाईव स्टार कालोनी में पूर्व के प्रबंधन मुक्त के आदेश की विवेचना से यह साफ हो रहा है कि नियम कायदों को ताक पर रखकर कालोनी को मुक्त किया गया था? अब ऐसी स्थिति में वहां प्लॉट खरीदने वालों के साथ हुए छल में कायदे से एफआईआर होना चाहिए? यह बात कालोनाईजिंग एक्ट और रेरा के नियमों को जानने वाले एक्सपर्ट द्वारा कही गई है। एडीएम द्वारा कालोनी को पुन: प्रबंधन में लेने को लेकर जो आर्डर जारी किया गया था उसमें ही बताया गया कि सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश बैतूल द्वारा 16 अगस्त 2022 में जो प्रतिवेदन दिया था, उसमें लिखा था कि भूमि का लेआउट अनुमोदित नहीं कराया गया है? इस संबंध में नियम अनुसार कार्रवाई भूमि विकास नियम 2012 एवं बैतूल विकास योजना के प्रावधानों में रखकर की जाना चाहिए? उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि सहायक संचालक टीएनसीपी बैतूल ने अपने प्रतिवेदन में यह भी लिखा था कि खसरा नं 14/5 प्रस्तावित व्यवसायिक आवासीय एवं 18 मीटर मार्ग के परियोजन अंतर्गत निर्दिष्ट है।

दूसरा इस कालोनी में फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा मसला यह है कि हाईटेन्शन लाईन के नीचे सडक़ बनाई गई है, निर्माण किया गया है और इसमें सीधे-सीधे एफआईआर बनती है? कार्यपालन यंत्री अभियंता मप्र पावर कंपनी लिमिटेड इटारसी के  22 सितम्बर 2022 के प्रतिवेदन में कालोनाईजर को मापदंड और नियमों का पालन करने के लिए लिखा गया था। जो एसडीएम ने प्रबंधन मुक्त का आदेश किया उसमें उक्त प्रावधानों एवं 18 मीटर मार्ग के संबंध में आदेश मौन रखा गया है, तथा कालोनी में भूमि विकास अधिनियम 2021 एवं विकास योजना का पालन करने का उल्लेख नहीं किया गया? इस तरह से फाईव स्टार कालोनी में जो प्रबंधन मुक्ति का आदेश होना ही बड़ा गोलमाल है, इसलिए एफआईआर बनती है? जानकारों का कहना है कि मामले को लेकर जल्द ही न्यायालय में भी वाद लगाया जाएगा।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 02 अगस्त 2023