बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल अनुविभाग के सांईखेड़ा थाने को बहुत ही आसान थाना माना जाता है, वहां किसी भी तरह की पुलिसिंग को लेकर तनाव नहीं है। उस थाने में पदस्थ सिपाही, हवलदार, एएसआई आदि के लिए रूचि का विषय वहां से गुजरने वाले वाहन है। यह वह वाहन है जिनको लेकर थाने में ड्यूटी लगाई जाती है और जिसकी ड्यूटी लगती है, वह अपने आपको धन्य समझता है। 
अब इस स्थिति में पुलिस अधीक्षक बैतूल की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह सांईखेड़ा टीआई से जरूर पूछे कि 24 घंटे थाने के आसपास सडक़ पर सिपाही, हवलदार क्यों खड़े रहते है? यह ट्रक वालों को रोक-रोककर क्या करते है और जो करते है उसमें टीआई की क्या भूमिका है। एसपी को तो यह भी पूछना चाहिए कि टीआई साहब अपने सरकरी क्वाटर में कितना समय गुजारते है और थाने में कितना समय गुजारते है। उन्हें टीआई से यह भी पूछना चाहिए कि बिरूलबाजार के बैल बाजार में किसका क्या गणित चल रहा है। इस आसान थाने के थानेदार साहब से एसपी को भी बहुत सारे गणित तो समझ ही लेना चाहिए। वैसे टीआई साहब का ट्रेक रिकार्ड कैसे हो सकता है कि उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मोहदा जैसे थाने से तत्कालीन एस पी ने लाईन अटैच कर दिया था।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 18 अगस्त 2023