बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। प्राथमिक शिक्षक इन्द्रमोहन तिवारी के रंगे हाथों पकड़ाने के बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि इन्द्रमोहन तिवारी जैसा प्राथमिक शिक्षक डेढ़ लाख रूपए जैसी मोटी रकम कमीशन में मांग रहा है तो कहीं न कहीं सहायक आयुक्त की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। अब ऐसी स्थिति को देखकर लोग कह रहे है कि कलेक्टर को चाहिए कि तत्काल एक जांच दल बनाकर इस बात की जांच करवाएं कि इन्द्रमोहन तिवारी को जब चिचोली पोस्ट कर दिया गया था तो फिर वह वापस कैसे शाहपुर पहुंचा? इस सवाल का जवाब कलेक्टर को भी सामने आकर देना चाहिए। वजह यह है कि जिस मामले में इन्द्रमोहन तिवारी को शाहपुर से हटाया गया था वह तो बेहद संवेदनशील मामला था। इसके बावजूद उसकी पोस्टिंग पुन: शाहपुर की गई है तो स्वाभाविक रूप से बिना सहायक आयुक्त की मर्जी से नहीं हुई है। आरोप तो यह है कि वर्तमान सहायक आयुक्त के कार्यकाल में जब भी तबादले हुए है, उन सब तबादलों में भारी लेनदेन हुआ है। इसी तरह विभिन्न हॉस्टल में पोस्टिंग को लेकर और वहां की व्यवस्थाओं को लेकर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे है। वर्तमान सहायक आयुक्त की जो कार्यप्रणाली है उसको लेकर कहा जाता है कि वे भी दूध की धुली हुई नहीं है। 
यदि कलेक्टर एक जांच दल बनाकर उनके कार्यकाल में हुए तबादलों, हॉस्टल की पोस्टिंग सहित हॉस्टल के बजट, खर्च आदि की विधिवत जांच करा ले तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

- कांग्रेस के कार्यकाल में बैतूल में हुई थी पोस्टिंग...
वर्तमान सहायक आयुक्त शिल्पा जैन की पोस्टिंग बैतूल जिले में कांग्रेस के कार्यकाल में हुई थी। जबसे वे बैतूल में ही टिकी हुई है। कांग्रेस के कार्यकाल में जितने अधिकारियों की बैतूल में पोस्टिंग हुई थी, उन सबकी विदाई हो चुकी है। केवल शिल्पा जैन ही एक अधिकारी बची है जो अभी भी टिकी हुई है। कायदे से उनकी जो पोस्ट है उसे देखते हुए उनका तबादला चुनाव आयोग को ही करवा देना चाहिए? वैसे भी उनकी भूमिका पर गंभीर सवाल है?

- इनका कहना...
सहायक आयुक्त के चार वर्ष के कार्यकाल को लेकर चुनाव आयोग और कार्यप्रणाली को लेकर ईडब्ल्यू को शिकायत करेंगे।
- अतुल शर्मा, जिलाध्यक्ष, आईटी सेल, कांग्रेस।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 14 सितंबर 2023