बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। फाइव स्टार कॉलोनी को लेकर एसडीएम बैतूल द्वारा 27 अक्टूबर 2022 को प्रबंधन मुक्त किए जाने के आदेश को एडीएम बैतूल द्वारा 14 जुलाई 2023 को निरस्त करते हुए कालोनी को पुन: प्रबंधन में ले लिया गया था। कालोनी को प्रबंधन में लेने के बाद फाईव स्टार कालोनी के डेव्हलपर्स प्रबंधन शर्तो और नियमों का उल्लंघन करते हुए कालोनी में निर्माण कार्य करा रहे है, जबकि यह अपराध की श्रेणी में आता है। नियमानुसार इसमें एफआईआर होना चाहिए ?
वजह यह है कि यदि किसी कालोनी को प्रबंधन में लिया जाता है कि तो यह माना जाता है कि उक्त कालोनी में अब शासन का आधिपत्य है और बिना शासन की अनुमति या मर्जी के उस कालोनी में न तो कोई पत्थर डाला जा सकता है और न ही वहां से कोई पत्थर उठाया जा सकता है। यह सब स्पष्ट होने के बावजूद भी राजस्व अमले की लापरवाही या जानबूझकर नजर अंदाज करने की वजह से कालोनी में धड़ल्ले से निर्माण कार्य हो रहे है ? 
गौरतलब रहे कि जब पहली बार पूर्व एसडीएम सीएल चनाप ने 26 फरवरी 2021 को कालोनी में प्रबंधन को लिया गया था, उस समय कालोनाईजर द्वारा प्रबंधन में लेने के बावजूद निर्माण कार्य कराए जाने पर तात्कालीन एसडीएम द्वारा उस क्षेत्र के नायब तहसीलदार को बकायदा लिखित में एफआईआर के लिए आदेश भी जारी किए गए थे? इसके बाद एसडीएम का तबादला हो गया था और उनके बाद रीता डहेरिया एसडीएम बनकर आई, लेकिन उन्होंने एफआईआर नहीं कराई और निर्माण कार्य भी होने दिया। बाद में एसडीएम के सी परते ने प्रबंधन मुक्त कर दिया, जिस पर एडीएम श्यामेन्द्र जैसवाल ने गंभीर आपत्ति लेते हुए प्रबंधन मुक्त के आदेश पर रोक लगा दी थी। एडीएम श्यामेन्द्र जैसवाल का तो स्पष्ट कहना था कि कालोनी प्रबंधन मुक्त हो ही नहीं सकती और यदि कोई करता है तो अपराध होगा। उनका कहना था कि कालोनी को इस तरह से प्रबंधन मुक्त करने का कोई प्रावधान ही नहीं है। जो भी हो लेकिन जिस तरह से वर्तमान में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है उसमें अब स्वयं कलेक्टर को ही संज्ञान लेना चाहिए?

- इनका कहना...
प्रबंधन के बावजूद यदि निर्माण करा रहे है तो जांच कराई जायेगी और उसके बाद वैद्यानिक कार्रवाई करेंगे। यह तो बहुत ही गलत है।
जेपी सैयाम, एडीएम, बैतूल।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 24 सितंबर 2023