बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । चुनाव में उम्मीदवार अपने कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश करने की जगह जबरन के आरोप प्रत्यारोप का सहारा ले रहे है! प्रत्याशी अपना विजन प्लॉन भी नहीं बता रहे है और इस वजह से जनसरोकार के मुद्दे पीछे छूट रहे है? ऐसी स्थिति में भविष्य में भी चुने हुए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी ही तय नहीं हो पाएगी और वे अपनी मनमानी करेंगे और कोई कुछ कह भी नहीं पाएगा? हालत यह है कि प्रत्याशी के अलावा अन्य लोगों को लेकर भी आरोप प्रत्यारोप सार्वजनिक रूप से लगाए जा रहे है, जिससे माहौल खराब होने का अंदेशा पैदा हो गया है! जागरूक मतदाताओं का कहना है कि इस तरह की राजनीति लोकतंत्र के लिए कतई ठीक नहीं है।

 

- क्या कहता है जागरूक मतदाताओं का अभिमत....

 

- अपना रिपोर्ट दिखाएं तो ठीक...

बेकार के आरोप लगाने की जगह उम्मीदवारों को अपने कामकाज की जानकारी देना चाहिए और बताना चाहिए कि उन्होंने जनता के लिए क्या किया और क्या नहीं किया।

अरविंद राठौर, बैतूल

 

- काम किया हो तो बात करें...

बड़ा सीधा गणित है। दिखाने के लिए कुछ हो तो बात करें। यह बेफिजुल की बातें कर जबरन माहौल खराब करना घटिया सोच की निशानी है। इससे बचना चाहिए।

दिनेश दवंडे, आठनेर

 

- थोथा चना बाजे घना वाली बात...

थोथा चना बाजे घना की कहावत है, वही होते हुए नजर आ रही है। कोई विजन प्लान तो बताया नहीं जा रहा। केवल प्रतिद्वंदी को लेकर बकवास करते हुए नजर आ रहे।

राजू गायकी,बैतूल

 

- बबलू भै्य्या की लड़ाई और सरोकार से जुड़ा है बैतूलवासियों का हित...

कैंसर के जागरूकता अभियान को चुनाव से जोडक़र नोटा के माध्यम से अपनी बात कहने का प्रयास कर रहे कैंसर फाईटर हेमंत चन्द्र दुबे अपनी लड़ाई लगातार लड़ रहे है। सिविल सोसायटी से जिस तरह का समर्थन मिलना चाहिए था, वह मिल नहीं रहा है और यह शर्मनाक बात है। बैतूल का मीडिया और जागरूक नागरिक चुनाव में कौन लड़ रहा है और नहीं लड़ रहा है, किस जात का लड़ रहा है किस जात का नहीं लड़ रहा है, इस पर तो खूब बाते कर रहे है, लेकिन हेमंत चन्द्र बबलू दुबे जिस मुद्दे को लेकर अलख जगा रहे है उसको लेकर उनके पास टाईम नहीं है। यह बात बबलू दुबे जानते है, लेकिन वह फाईटर है, इसलिए लड़ रहे है।

नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 04 नवंबर 2023