बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। संबल योजना में एक बड़ा घोटाला मुलताई जनपद में नजर आ रहा है। मुलताई जनपद की पंचायत आए एक हितग्राही की जनसुनवाई में की गई शिकायत से संबल में बड़ा घोटाला होने का प्रमाण मिल रहा है। सांडिया निवासी इस व्यक्ति के माता और पिता दोनों की मौत में उसे अंत्येष्टि के 5-5 हजार रूपए तो पंचायत द्वारा दिए गए, लेकिन जो संबल सहायता की राशि मिलती है वह राशि उसे दोनों बार नहीं मिली। जबकि उक्त राशि शासन से बकायदा जारी हुई और खाते में भी डाली गई, तथा उसका विड्राल भी हो गया, लेकिन हितग्राही के हाथ एक रूपया नहीं लगा। इस मामले में हितग्राही सुरेश बामने ने जो शिकायत की है, उसमें बताया है कि वह ग्राम सांडिया का रहने वाला है। जो कि जनपद पंचायत मुलताई के अंतर्गत आती है। उसकी मां रामकली बामने की मृत्यु 2019 में हुई थी और उसके पिता संतोष बामने की मृत्यु 2021 में हुई थी। उनकी मृत्यु के उपरांत उसे दोनों बार 5-5 हजार रूपए अंत्योष्टि सहायता के दिए गए, लेकिन इसके बाद संबल में जो आर्थिक सहायता मिली है, वह उसे नहीं दी गई।
 जब भी इस संबंध में उसके द्वारा पूछा जाता है तो ग्राम सचिव नमन सोलंकी और सहायक सचिव मुकेश मालवीय द्वारा उसे टालमटोल किया जाता रहा। वह जनपद भी गया, लेकिन वहां पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। उसके बाद उसने सहायता राशि का रिकार्ड चेक किया तो सामने आया कि उसकी माता की मृत्यु पर 4 लाख रूपए की राशि 9 फरवरी 2019 को शासन द्वारा खाते में डाली गई वहीं उसके पिता की मृत्यु पर 1 सितम्बर 2021 को 1 लाख रूपए 160 हजार रूपए की राशि खाते में आई थी। वहीं जब इस संबंध में वह सचिव और सहायक सचिव से पूछता है तो उसे यह कहा जाता है कि दोनों की मृत्यु 60 वर्ष से अधिक की उम्र में हुई है, इसलिए किसी भी तरह की राशि नहंी मिलेगी, लेकिन खाते में जो राशि डाली गई, उसका उसके पास रिकार्ड है। उसका आरोप है कि सेन्ट्रल बैंक मुलताई के जिस खाता क्रमांक 2237426275 में यह राशि डाली गई है वह किसी मनीष शिंदे के नाम का था। इस खाते से यह राशि विड्राल हो चुकी है। उसके मुताबिक धोखाधड़ी है। सुरेश का आरोप है कि मुलताई जनपद में यह बड़ा घोटाला है, उसके जैसे और भी हितग्राही है, जिनके साथ इसी तरह का फर्जीवाड़ा हुआ है। उसका कहना है कि यदि 2018 से लेकर 2022 तक संबल में दी गई राशि का सत्यापन कराया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी और यह भी सामने आ जाएगा कि जनपद और पंचायत के कर्मचारी-अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर किस तरह से घोटाला किया गया है। उसका कहना है कि किसी ओर के खाते में राशि डलवाकर धोखाधड़ी की गई है। यह अन्य लोगों के साथ भी हो सकता हैे। मामले में कलेक्टर जनपद सीईओ को जांच के लिए लिखा है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 24 जनवरी 2024