बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल अनुविभाग में विशेषकर जिला मुख्यालय में पिछले कुछ वर्षो से अवैध कालोनाईजिंग में एक तरह का खेल चल रहा है। अवैध कालोनाईजर अपने पूरे प्लॉट बेचने के बाद कालोनी को स्वयं प्रबंधन में डलवाते है और बाद में इन कालोनियों को छोड़ देते है और यह कालोनियां जब प्रबंधन मुक्त हो जाती है तो कालोनाईजर आश्रय शुल्क जैसी आर्थिक जिम्मेदारियों से साफ बचकर निकल जाते है। पिछले 5 वर्ष का यदि हिसाब किताब निकालकर देखे तो अवैध कालोनाईजरों ने यह फार्मूला खूब इस्तेमाल किया है। इस बात को प्रमाणित करने के लिए कलेक्टर यदि पिछले 2-3 वर्ष में प्रबंधन में गई और बाहर की गई कालोनियों की जांच करवा ली जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। जो जानकार है उनका दावा है कि कालोनी को प्रबंधन मुक्त करते समय कालोनी विकास के लिए जिस राशि का आंकलन किया जाता है वह तक कालोनाईजर जमा नहीं करते है। केवल जमा करने की प्रत्याशा में कालोनियों को प्रबंधन मुक्त कर दिया जाता है। इससे शासन को भी राजस्व का नुकसान होता है। बताया गया कि पिछले 4 वर्ष में कम से कम दो दर्जन ऐसी कालोनियां है, जिन्हें अलग-अलग एसडीएम ने प्रबंधन मुक्त किया था, लेकिन उक्त प्रबंधन मुक्त के आदेश में जो पैसा जमा करने के लिए कहा गया था, वह पैसा ही जमा नहीं हुई, लेकिन कालोनी कागजों में प्रबंधन मुक्त हो गई। कालोनाईजिंग के एक्सपर्ट ने बताया कि बैतूल में एक दो कालोनियों को छोडक़र किसी भी कालोनी के पास कार्यपूर्णता का प्रमाण पत्र ही नहीं है। एक तरह से यह तमाम कालोनियां आज भी अधूरी की श्रेणी में है और इनके पास टीएनसीपी संबंधी अनुमति की अवधि भी समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद इन कालोनियों को लेकर कहीं कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी बहुतायात में ऐसी कालोनियां है। 2017 के बाद जितनी कालोनी अस्तित्व में आई है उन सबके लिए रेरा अनिवार्य था, लेकिन बैतूल में अधिकांश कालोनियों के पास रेरा की अनुमति ही नहंी है। रेरा मामलों के एक्सपर्ट निकुंज गर्ग का कहना है कि बिना रेरा की अनुमति के कालोनी काटना ही एक तरह का अपराध है और महज टीएनसीपी की अनुमति के आधार पर कोई भी कालोनी में प्लॉट का क्रय विक्रय नहीं किया जा सकता है। वहीं इस मामले में कानून के जानकार अधिवक्ता अभिषेक दुबे का कहना है कि बैतूल में कालोनाईजिंग के मामले में नियमों का पालन ही नहीं होता है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 28 जनवरी 2024