बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। पिछले दो वर्ष से बन रही एकलव्य विद्यालय शाहपुर की बिल्डिंग निर्माण में हो रही खुली धांधली को लेकर आंख बंद कर बैठे जिम्मेदार अधिकारी विधायक के एक्शन के बाद रिएक्शन देते नजर आ रहे है। जैसे अब सहायक आयुक्त शिल्पा जैन का दावा है कि वे कलेक्टर से थर्ड पार्टी जांच के लिए निवेदन करेगी, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। हालांकि उनके इस दावे में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाले समय में साफ हो जाएगा। आदिम जाति कल्याण विभाग में निर्माण से संबंधित दो तकनीकी अधिकारी होने के बावजूद भी जिस तरह की बिल्डिंग का निर्माण हुआ है वह इन तकनीकी अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़ा करता है। बताया जा रहा है कि सिर्फ एकलव्य विद्यालय शाहपुर की बिल्डिंग ही दोयम दर्जे की नहीं बन रही, बल्कि आदिम जाति कल्याण विभाग में अन्य बिल्डिंगों के निर्माण भी इसी तरह से हो रहे है कोई देखने सुनने वाला नहीं है।
ठेकेदारों का बढिय़ा सिस्टम जमा हुआ है और इस सिस्टम के तहत तमाम जिम्मेदार आंख बंद कर बैठे रहते है। जिससे करोड़ों रूपए के निर्माण कार्यो का सत्यानाश हो रहा है। एकलव्य विद्यालय शाहपुर के मामले में विधायक गंगा उईके के एक्शन के बाद जो अधिकारी अब जाग रहे है। कायदे से कलेक्टर को सबसे पहले उन पर ही एक्शन लेना चाहिए। बिल्डिंग निर्माण को समझने वाले सिविल इंजीनियर प्रफुल्ल सेन का कहना है कि जिस तरह के कॉलम बीम की स्थिति नजर आ रही है, उसमें साफ दिख रहा है कि यहां पर जिस गिट्टी और रेत का उपयोग किया गया है। वह क्वालिटी की नहीं थी और ना ही उसकी ग्रेडिंग की गई होगी। वहीं दूसरा उनका कहना है कि यहां जो पर कॉलम की रॉड काटी गई वह एक जैसी काट दी गई, जिसकी वजह से इसमें भूकंपरोधी क्षमता नहीं होगी। उनका कहना है कि कॉलम बीम में अभी से सीमेंट झड़ता हुआ नजर आ रहा है। इससे लग रहा है कि यह 90 दिन से अधिक पुरानी सीमेंट का ही उपयोग किया गया है। उनका कहना है कि पूरी बिल्डिंग में फिर से क्यूब टेस्ट होना चाहिए। वहीं लोहे की भी ग्रेडिंग करवाई जाना चाहिए। उनका तो स्पष्ट कहना है कि जिस लोहे का उपयोग किया गया है वह जिंक कोटेड नहीं है और अप्रूवड भी नहीं है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 06 फ़रवरी 2024