बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। शाहपुर में बन रही आवासीय एकलव्य विद्यालय की बिल्डिंग का भविष्य जनजाति कार्य विभाग के इंजीनियर, एसडीओ और ठेकेदार ने मिलकर बनने से पहले ही बर्बाद कर दिया है। बिल्डिंग के कॉलम, बीम में जो हनीकाम्ब दिखाई दे रहे है, उससे साफ नजर आ रहा है कि बिल्डिंग का कांक्रिट रिजेक्ट कर दिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और अब स्थिति यह है कि विधायक गंगा उईके द्वारा बिल्डिंग की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाने के बाद विभाग की सहायक आयुक्त अपने एसडीओ अशोक गायकवाड़ और इंजीनियर नेहा को बचाने के लिए मामले में पीआईयू से जांच करवाकर लीपापोती करवाने की तैयारी में है। जबकि कायदे से उन्हें उक्त बिल्डिंग निर्माण में जो खामियां साफ नजर आ रही है, उसके आधार पर तो एसडीओ अशोक गायकवाड़ को सबसे पहले सस्पेंड किया जाना चाहिए, क्योंकि आरोप है कि उक्त विभाग में जो भी निर्माण कार्य होते है उसमें सबसे बड़े खिलाड़ी अशोक गायकवाड़ ही होते है और उनकी वजह से ही सहायक आयुक्त भी ना तो निरीक्षण करती है और न ही कंसलटेंट को लेकर कोई रिपोर्ट देखती है। इसलिए इस तरह की घटिया बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है। जानकारों का कहना है कि यहां पर घटिया स्तर की लोहे की सेंटरिंग किया गया है। इसलिए हनीकॉम्ब नजर आ रहे है। कायदे से एसडीओ और इंजीनियर की जिम्मेदारी थी कि इस कांक्रीट को रिजेक्ट कर देना चाहिए था और बिल भुगतान में इस घटिया कांक्रीट का मूल्यांकन कर उतनी राशि कम करने के बाद ठेकेदार को भुगतान किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इससे साफ दिख रहा है कि सबकुछ गोलमाल है और इसके लिए ठेकेदार के साथ-साथ एसडीओ, इंजीनियर और सहायक आयुक्त सब जिम्मेदार है। जांच में भुगतान की स्थिति और एमबी आदि की जांच की जाना चाहिए वहीं पीआईयू के ईई का कहना है कि उन्हें जांच को लेकर जनजाति विभाग से कोई पत्र नहीं मिला है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 11 फ़रवरी 2024