बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। एकलव्य विद्यालय के बिल्डिंग निर्माण में जिस तरह की स्थितियां सामने आ रही है, उसमें एसडीओ और इंजीनियर की योग्यता पर ही सवाल खड़े हो रहे है। जो एक्सपर्ट है उनका कहना है कि कॉलम जिस तरह से गोले में नजर नहीं आ रहे है, उससे साफ दिख रहा है कि इंजीनियर और एसडीओ ने मॉनीटरिंग तक नहीं की है और ठेकेदार के साथ विभाग के अधिकारी मिले हुए है। जब ठेकेदार के बिल निकालने के लिए मूल्यांकन किया था क्या तब भी एसडीओ और इंजीनियर को यह नजर नहीं आया। यह तकनीकी गड़बड़ी बताती है कि बिल्डिंग निर्माण में किस पैमाने पर भ्रष्टाचार और धांधली हुई है। इस स्थिति को देखते हुए सबसे पहले एसडीओ और सब इंजीनियर को सस्पेंड किया जाना चाहिए। इसके बाद ही जांच होना चाहिए। जिस तरह से एसडीओर और इंजीनियर की कार्यप्रणाली नजर आ रही है उसमें लीपापोती के आसार दिख रहे है। 
आरोप...तीन जिलों के प्रभारी एसडीओ अशोक गायकवाड़ ठेकेदारों के हिसाब से बनवाते है स्टीमेट और लगवाते है ठेंडर
जनजाति कार्यविभाग में निर्माण कार्यो के लिए एसडीओ की भूमिका अशोक गायकवाड़ के पास है और अशोक गायकवाड़ एक नहीं बल्कि तीन-तीन जिलों में विभाग के निर्माण कार्यो की मॉनीटरिंग करते है। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि यह कैसी मॉनीटरिंग करते होंगे। अशोक गायकवाड़ की वर्किंग को लेकर जयस के संरक्षक राजा धुर्वे ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में कुछ ठेकेदार अपने हिसाब से स्टीमेट बनवाते है और उस आधार पर टेंडर लगवाए जाते है। फिर मुंह लगे ठेेकेदार बीलो रेट डालकर टेंडर हासिल करते है और इसके बाद एसडीओ, इंजीनियर तथा अन्य अधिकारियों की मेहरबानी से दोयाम दर्जे का स्तरहीन काम कर बिल निकाले जाते है। कुछ ठेकेदारों ने ऑफ द रिकार्ड यह भी बोला है कि ट्रायबल में उनकी इतनी बढिय़ा पकड़ है कि उनका कोई काम नहीं रूकता और इस बात का प्रमाण एकलव्य विद्यालय की यह बिल्डिंग है। जिसमें स्तरहीन निर्माण होने के बावजूद भी ठेकेदार पर कोई एक्शन नहीं हुआ है, बल्कि उसके बिल निकाले गए। यदि किसी भी थर्ड पार्टी से ईमानदारी से तकनीकी जांच कराई जाएगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। जानकारों का कहना है कि एसडीओ गायकवाड़ कुछ भी नहीं होने देंगे।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 13 फ़रवरी 2024