बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। भाजपा ने पड़ोसी जिले में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष और महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नरोलिया को राज्यसभा से नवाजा है। यह बात सार्वजनिक होने के बाद भाजपाईयों को भी यह यकीन हो गया है कि भाजपा और उसके राज में बैतूल वालों के साथ अन्याय की परम्परा बंद नहीं होगी। वजह यह है कि संगठन और सत्ता दोनों में उच्च स्तर पर पद देने के मामले में बैतूल के साथ भाजपा में खुला अन्याय देखने में आता है। 
जैसे पड़ोसी जिले में होशंगाबाद में किसान मोर्चा और महिला मोर्चा के दो-दो प्रदेश अध्यक्ष के पद दे दिए गए है, लेकिन बैतूल वालों को प्रदेश कार्यकारिणी में कोई महत्वपूर्ण पद ही नहीं दिया। वहीं जब सरकार बनी तो मंत्री पद से भी नहीं नवाजा, जबकि बैतूल में दो-दो विधायकों ने शपथ ग्रहण के लिए नए कुर्ते भी सिलवाकर रख लिए थे! उस समय में भी भाजपाईयों में भयंकर हताशा निराशा देखी गई थी? वहीं पड़ोसी लोकसभा क्षेत्र में दो-दो विधायकों को मंत्री पद दे दिया गया, जिसमें से एक कैबिनेट मंत्री का पद नरसिंहपुर के विधायक प्रहलाद पटेल को दिया गया। वहीं दूसरा पद गाडरवाड़ा के विधायक राव उदय प्रताप को प्रदान किया गया है। जबकि बैतूल लोकसभा क्षेत्र में हमेशा की तरह यहां से करीब-करीब 100 किलोमीेटर दूर की विधानसभा हरसूद के विधायक विजय शाह को प्रदान किया गया है। जबकि कांग्रेस के दौर में जब भी सरकार बनी है तो बैतूल को मंत्री पद मिला है। वहीं संगठन में भी वर्तमान में रामू टेकाम आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है। वहीं समीर खान को प्रदेश महामंत्री बना दिया गया था। इसके पहले हेमंत वागद्रे को तो एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। पूर्व में जरूर विजय कुमार खण्डेलवाल और हेमंत खण्डेलवाल केा प्रदेश भाजपा में कोषाध्यक्ष का पद दिया गया था, लेकिन कांग्रेस में भी स्व. विनोद डागा को भी प्रदेश कोषाध्यक्ष का पद प्रदान किया गया था। कुल मिलाकर देखा जाए तो कांग्रेस ने सत्ता और संगठन दोनों में बैतूल को भरपूर तरहीज दी है। जबकि भाजपा के राज में लालीपॉप भी नहीं थमाया जाता है। यह बात भाजपा के ही कार्यकर्ता और नेता हर जगह आजकल चर्चा के दौरान कह रहे है और उनका कहना है कि अधिकारी तक हमारे जनप्रतिनिधियों की बात को वजन नहीं देते है। उच्च स्तरीय पदों पर ट्रांसफर,पोस्टिंग में भी इनकी राय नहीं ली जाती।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 17 फ़रवरी 2024