बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। प्रदेश सरकार द्वारा मछुआ क्रेडिट योजना शुरू की गई है, लेकिन इसका लाभ मछुआरों को पूरी तरह से नहीं मिल पा रहा है। हालत यह है कि सरकार द्वारा जो लक्ष्य दिया गया था उसके अनुरूप भी मछुआरों के क्रेडिट कार्ड नहीं बनाए जा रहे है। नर्मदापुरम संभाग में तीन जिले आते है और यहां पर विगत एक वर्ष में 20 फीसदी ही करीब-करीब क्रेडिट कार्ड बनाए गए है। यदि बैतूल जिले की स्थिति देखे तो यहां पर 2 हजार का लक्ष्य था, जिसके मुकाबले 1262 केस बनाकर बैंक को प्रेषित किए गए और बैंक ने मात्र 387 प्रकरणों में ही क्रेडिट कार्ड बनाए है। सरकार की स्कीम को लेकर बैंकर्स की अरूचि तो इसमें दिखाई दे ही रही है, लेकिन मत्स्य विभाग भी मछुआरों को इससे जोडऩे में नाकाम नजर आ रहा है। यही कारण है कि बैतूल जिले में 2 हजार का लक्ष्य होने पर मात्र 1262 ही प्रकरण बनाकर बैंक को भेजे गए जो कि लगभग 60 फीसदी के आसपास है। इस स्कीम का लाभ बैतूल में गरीब मछुआरे उठाना चाहते है, लेकिन उन्हें सही जानकारी तक नहीं है।
- यह है मछुआ क्रेडिट योजना...
प्रदेश में मछुआ क्रेडिट योजना के तहत  मछुआ संघ के माध्यम से पंजीकृत मछुआरों व मछली पालन से जुड़े लोगों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे। इस पर काम शुरू हो गया है। मछुआ संघ के माध्यम से पंजीकृत मछुआरों व मछली पालन से जुड़े लोगों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब मछली पालक मत्स्य पालन के लिए आसानी से लोन उठा सकेंगे। मत्स्यपालन क्षेत्र में किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से मछुआरों और किसानों को उनकी कार्यशल पूंजी की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। मत्स्य विभाग के अनुसार मछली पालन के क्षेत्र में सहकारी समिति एवं समूह के सदस्यों को जलाशय एवं तालाबों में मत्स्य बीज संचयन एवं उपकरण नाव, जाल के लिए 0 से 100 हेक्टेयर तक के जलाशय एवं तालाबों के लिए केसीसी लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। नदी नालों में मत्स्य आखेट करने वालो को नाव एवं जाल के लिए भी 8 हजार रुपए प्रति मछुआरे उपलब्ध कराया जा रहा है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 23 फ़रवरी 2024