शाहपुर / बैतूल (हेडलाइन)/अंकुश मिश्रा। शाहपुर जनपद की भयावाड़ी पंचायत में बिस्सू के घर से रेवाराम के घर तक 15 वें वित्त से बन रही सीसी रोड पंचायती राज के भर्राशाही को जाहिर करती है और इसकी जांच जनपद सीईओ को करवाना चाहिए, लेकिन वे करवा नहीं रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि सडक़ निर्माण के दौरान उपयंत्री मौजूद ही नहीं रहता है, इसलिए हालत यह है कि बेस में एम-10 और सरफेस एम-15 कांक्रीट का उपयोग होना चाहिए, लेकिन इस रेसो में कांक्रीट का उपयोग नहीं हो रहा है। जानकार बताते है कि यह सब किसी मंडल उपाध्यक्ष के  लालच की वजह से हो रहा है। ग्रामीणों की चर्चाओं के मुताबिक उक्त मंडल उपाध्यक्ष ही पंचायत को चला रहा है और चर्चा में यह भी सामने आ रहा है कि सरपंच और उसके कथित रिश्तेदार बतौर मजदूर सेवाएं दे रहे है। खैर जो भी हो जिस तरह की सडक़ का निर्माण हो रहा है उसका भविष्य ही नजर नहीं आ रहा है। गौरतलब रहे कि 15 वें वित्त के सडक़ निर्माण के जो नियम है उनको ताक पर रखकर इस सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। नियमों के जानकारों का दावा है कि 15 वें वित्त में पहले गांव के अंदर आबादी क्षेत्र में सडक़ें बनना चाहिए। इसके बाद जब इस तरह की सडक़ बनकर कम्पलीट हो जाए तब अन्य तरह की सडक़ें बनाई जाना चाहिए, लेकिन यहां पर 15 वें वित्त की राशि का उपयोग कर गांव को जोडऩे वाली सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। जिस स्थान पर 3 लाख रूपए की लागत से 100 मीटर सीसी रोड बनाई जा रही है। वहां पर आबादी के नाम कुछ है ही नहीं, एक दो मकान बने हुए है। जबकि इसी गांव में आबादी वाले क्षेत्र आजाद मोहल्ला में सडक़ों की हालत खराब हो चुकी है, लेकिन उन्हें नहीं बनाया जा रहा है। 
 ग्रामीणों का तो खुला आरोप है कि सरपंच, सचिव द्वारा 15 वें वित्त की राशि की बंदरबांट की जा रही है और इसकी पूरी जानकारी पंचायत इंस्पेक्टर और जनपद सीईओ को भी है। बड़े मोहल्ले में 15 वें वित्त की राशि रेवाराम के घर से बिस्सू के घर तक जो 100 मीटर सीसी रोड 3 लाख रूपए की लागत से बनाई जा रही है। उसके निर्माण को लेकर तमाम तरह के तकनीकी सवाल उठ रहे है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 9 मार्च 2024