बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल एसडीएम और मंडी प्रशासक ने विगत दिनों बैतूल मंडी में औचक निरीक्षण किया था और उस दौरान उन्होंने जो दिशा निर्देश दिए थे उनका पालन सुनिश्चित करने में मंडी सचिव द्वारा कोई रूचि नहीं ली जा रही है। सबसे बड़ी समस्या मंडी में नगद भुगतान की है जो यहाँ हो ही नहीं रहा है। बताया जा रहा है कि 10 से 15 दिन में किसानों को उपज का भुगतान किया जाता है, जबकि शासन के स्पष्ट आदेश है कि किसानों को मंडी प्रांगण में ही भुगतान किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है। किसानों को व्यापारी मंडी के बाहर अपनी आढ़त या कार्यालय में बुलाते है और वहां से भुगतान करते है। मंडी प्रशासक ने स्पष्ट रूप से कहा था कि हर हाल में मंडी प्रांगण में ही भुगतान होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। वहीं दूसरी ओर शेड में रखा हुआ व्यापारियों का माल हटाने में केवल दिखावे के लिए कार्रवाई हुई है। किसानों का कहना है कि मंडी में किसानों की नहीं व्यापारियों की ही चलती है। 

 

- नगद भुगतान सिस्टम न होने से ठगी का शिकार बने किसान...

अभी कुछ माह पहले ही बैतूलबाजार थाने में एक व्यापारी के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज हुआ। उक्त व्यापारी दर्जनों किसानों का माल खरीदकर बिना भुगतान किये ही फरार हो गया। जबकि वह व्यापारी मंडी में रजिस्ट्रर्ड व्यापारी था, इसके बावजूद इतने बड़े पैमाने में ठगी करके चला गया और इसकी एकमात्र वजह यह है कि मंडी में नगद भुगतान का सिस्टम नहीं है। यदि नगद भुगतान का सिस्टम होता तो किसी भी सूरत में वह व्यापारी किसानों को चूना ही नहीं लगा पाता। इस मामले में कायदे से उक्त किसानों को मंडी को भुगतान करना चाहिए।

 

- वर्तमान सचिव की पोस्टिंग के बाद मंडी की आय में आई कमी...

इधर एक जानकारी सामने आ रही है कि जब से बैतूल कृषि उपज मंडी में शीला खातरकर बतौर मंडी सचिव पदस्थ हुई है तब से मंडी की आय में कमी आई है। इसकी वजह यह है कि पाढर, चिचोली आदि क्षेत्र से व्यापारी सीधे बाहर ही माल खरीद रहे है और बाहर के बाहर माल लेकर जा रहे है। आरोप तो यह भी लगता है कि मंडी सचिव की जानकारी में ही यह सब होता है। बताया जाता है कि मंडी सचिव के पास मुलताई और बैतूल मंडी का चार्ज है और दोनों जगह इनकी पोस्टिंग के बाद से ही तुलनात्मक रूप से आय में कमी आई है।

नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 11 मार्च 2024