बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा।भैसदेही जनपद की जामझिरी पंचायत की गौशाला के मामले में शनिवार सुबह प्रशासन सक्रिय हुआ और कलेक्टर के आदेश पर क्षेत्र के एसडीएम एनके बमनाहा और तहसीलदार चन्द्रपाल इवनाती, सहित वेटनरी के डॉक्टर और थाना प्रभारी गौशाला पहुंचे। उन्होंने मौका मुआयना किया, गायों की स्थिति देखी, तथा वहां पर पानी, चारा, भूसा आदि की व्यवस्था करवाने के साथ-साथ साफ-सफाई करवाई। वे यह व्यवस्था करने के लिए नगर परिषद की फायर बिग्रेड भी साथ लेकर गए थे। इस मामले में एसडीएम द्वारा निष्पक्ष जांच और क्षेत्र की अन्य गौशालाओं की स्थिति की जांच को लेकर मौके पर आदेश दिए थे। इस आदेश का असर यह हुआ कि सुबह उन्होंने निष्पक्ष जाँच की बात की और क्षेत्र की अन्य गौशालाओं में भी सोशल ऑडिट करवाया जाए ऐसा कहा। वहीं उनके कहने का साईड इफेक्ट यह हुआ कि शाम होते तक उनका ही तबादला आदेश आ गया और उनके इस तरह आनन-फानन में हुए तबादले के बाद क्षेत्र में चर्चा है कि कुछ तो ऐसा है जो छुपाने और दबान का प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि एसडीएम ने अन्य सभी गौशालाओं की जांच की बात कही थी। वहीं अधिकारियों के पहुंचने के पहले यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने युवक कांग्रेस नेता राहुल छत्रपाल के नेतृत्व में यहां पर प्रदर्शन किया। जिसमें महेश थोटेकर, श्रवण सिंह ठाकुर, विजय भुस्कुटे, मोहित राठौर, सतीश आर्य, निखिल सोनी, देवेश आठेकर, सुनील सलामे आदि ने धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। इन युवा और छात्र नेताओं का कहना है कि पूरे मामले में क्षेत्र के जनपद सीईओ की भूमिका संदिग्ध है। अकेले सचिव की हिम्मत नहीं है कि गौशाला में आया पैसा खा जाए और गौमाता को इस तरह से मरने के लिए छोड़ दे। इसमें कहीं न कहीं जनपद सीईओ की महती भूमिका है। उनका कहना है कि जब मौके पर सभी प्रशासनिक अधिकारियों को पहुंचने के आदेश दिए तो क्या कारण है कि थाना प्रभारी गौशाला पहुंच गई, लेकिन जनपद सीईओ नहीं पहुंचे। उक्त युवा नेताओं ने आरोप लगाया है कि चूंकि इस गौशाला की पूरी जवाबदेही जनपद सीईओ की थी। उन्हें मौके पर पहुंचना चाहिए था, लेकिन वह मौके पर नहीं पहुंचे। इससे सिद्ध होता है कि वे जानबूझकर नहीं गए। गौरतलब रहे कि पूर्व में भी जनपद सीईओ और पशु चिकित्सा विभाग को उपसरपंच द्वारा जानकारी दी गई थी। तब भी कोई कदम नहीं उठाया गया था। पूरे मामले में एक बाद साफ नजर आ रही है कि जो सरकारी गौशाला है, इनमें सभी जगह व्यापक स्तर पर जांच पड़ताल की जरूरत है। गौशालाओं में गौवंश की आवाजाही के रिकार्ड का वेरीफिकेशन भी जरूरी है। 

- इनका कहना...
जिस तरह से निष्पक्ष जांच की बात कर रहे और अन्य गौशालाओं में भी जांच का आश्वासन देने वाले एसडीएम का आनन-फानन में तबादला हुआ है, उससे भाजपा की कथनी करणी में अंतर साफ दिख रहा है। हमारी मांग है कि जिले भर में जितनी गौशाला है, सभी का सोशल ऑडिट तत्काल कराया जाए।
रामू टेकाम, कांग्रेस प्रत्याशी लोकसभा बैतूल।
नवल वर्मा हेडलाइन 16 मार्च 2024