- आमला के इस अवैध कालोनी के मामले में रेरा के फैसले में हेडलाइन24x7 और राष्ट्रीय दिव्य दुनिया की खबर की बड़ी भूमिका
बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। आमला की पंचवटी अवैध कालोनी के मामले में रेरा ने 2 अप्रैल को जो निर्णय दिया है, वह अवैध कालोनाईजिंग को लेकर एक बड़ा निर्णय माना जाएगा। रेरा के सचिव नीरज दुबे ने रेरा के 6 बिंदुओं के आधार पर यह निर्णय सुनाया है। इस निर्णय में खास बात यह है कि अवैध कालोनाईजर (आवंटितों को) भूखंड या डुप्लेक्स खरीदने वालों से प्राप्त धनराशि एवं उस राशि पर भुगतान के दिनांक से धनराशि अदायगी दिनांक तक 12 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज आदेश दिनांक से 2 माह के भीतर आवंटितों का अदा करेगा। गौरतलब रहे कि इस रेरा में हुई शिकायत में राष्ट्रीय दिव्य दुनिया द्वारा जिन बिंदुओं को अपनी खबर में उजागर किया था, उनका उल्लेख किया गया था और राष्ट्रीय दिव्य दुनिया की खबरें भी प्रस्तुत की गई थी।
 मामले को लेकर रेरा ने जो निर्णय दिए है, उसमें रेरा के अधिनियम धारा 3 के उपबंधों का उल्लंघन करने के लिए अधिनियम की धारा 59 के तहत 5 लाख रूपए का दंड लगाया गया है। वहीं कहा गया कि कालोनाईजर अंकित, रविशंकर सोनी 144 सोमवारी चौक आमला एवं श्रीमती वीणा सूरज तिवारी निवासी बगडोना को परियोजना पंजीयन होने तक परियोजना में बुकिंग लेने या परियोजना की संपत्ति पर आवास एवं भूखंड के क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं अंकित सोनी और वीणा तिवारी उक्त परियोजना संबंधित भू-संपदा के संबंध में कोई विक्रय पत्र या हस्तांतरण पत्र निष्पादित नहीं करेंगे। इसके साथ ही वे परियोजना से संबंधित किसी भी भू संपदा के संबंध में किसी भी तृतीय पक्ष का हित किसी भी प्रकार से उत्पन्न नहीं करेंगे। वहीं उनके द्वारा यदि किसी अन्य परियोजना के लिए भविष्य में पंजीयन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाता है उसके द्वारा पंजीयन के पूर्व इस परियोजना की स्थिति को प्राधिकरण के संज्ञान में लाया जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस आदेश के पालन की समय-समय पर रेरा समीक्षा करेगा।
गौरतलब रहे कि इस मामले में बलवंत रूंझा जी धोटे निवासी पंचवटी कालोनी निकट पंचवटी हनुमान वार्ड क्रमांक 7 रतेड़ा रोड आमला द्वारा शिकायत की गई थी। इस शिकायत में बताया गया था कि पंचवटी रेसीडेंसी परियोजना वर्ष 2014-15 से संचालित की जा रही है। जिसमें शिकायतकर्ता एवं अन्य के द्वारा भूखंड की बुकिंग कर 11 आवंटितों से धन राशि रूपए 2 करोड़ 60 लाख 74 हजार 200 रूपए प्राप्त किए गए है।  इसके बाद कालोनाईजर भूखंड पर डुप्लेक्स का निर्माण नहीं कराया गया और आधिपत्य नहीं दिया गया और डुप्लेक्स धारियों को अनुबंध के अनुसार समस्त सुविधाएं दिलाने एवं क्षतिपूर्ति प्रतिकर राशि ब्याज सहित दिलाने के लिए रेरा में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। गौरतलब रहे कि इस अवैध कालोनी के मामले में लीगल एक्शन को लेकर आमला के तात्कालीन सीएमओ द्वारा भारी लापरवाही की गई और जानबूझकर की गई थी। उन्होंने एसडीएम के आदेश के बाद भी एफआईआर नहीं कराई, जबकि एसडीएम द्वारा उन्हें कम से कम तीन बार एफआईआर के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 07 अप्रैल 2024