बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। चुनाव में सभी मतदाता वोट डाले इसको लेकर चुनाव आयोग तमाम तरह के दावे करने के साथ-साथ विकल्प उपलब्ध कराने की बात कही जाती है, लेकिन बैतूल जिले में एक प्रत्याशी की मृत्यु के कारण चुनाव तारीख आगे बढऩे पर जो लोग अपने तय प्लॉन के अनुसार बाहर जा रहे है, उनके पास अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए कोई विकल्प नहीं है। 
बैतूल शहर में करीब-करीब एक दर्जन ऐसे मतदाता सामने आ रहे है जो विभिन्न कारणों से लोकसभा क्षेत्र के बाहर जा रहे है और किसी भी सूरत में उनका 7 मई तक लौटना संभव नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि वे अपने गंतत्वय के लिए रिजर्वेशन सहित फ्लाईट में बुकिंग करा चुके है। बताया गया कि 26 अप्रैल को मतदान तय होने से अनेक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद 26 अप्रैल के बाद से अपनी यात्रा के लिए प्लॉन किया और उस आधार पर अपना विकल्प चुना, लेकिन अब जब एक प्रत्याशी की मृत्यु हो जाने के कारण बैतूल-हरदा-हरसूद लोकसभा क्षेत्र में चुनाव 7 मई तक आगे बढ़ गया है तो इन मतदाताओं के सामने दो विकल्प है, या तो वे अपनी यात्रा 7 मई तक रद्द करें या फिर अपना मताधिकार छोड़ देंं। यदि वे अपनी यात्रा रद्द करते है तो उन्होंने ट्रेन या फ्लाईट में जो बुकिंग करा रखी है, उसे भी कैंसिल करवाना पड़ेगा और ऐसी स्थिति में उनका तगड़ा आर्थिक नुकसान होगा। 
मसलन किसी ने विदेश जाने के लिए फ्लाईट में बुकिंग करा रखी है तो औसतन उसे 50 हजार रूपए लगे होंगे, अब यदि वह बुकिंग कैंसिल करवाता है तो उसे 10 से 15 हजार रूपए की चपत लगना तय है।  ऐसी स्थिति में मतदाता बुकिंग या रिजर्वेशन कैंसिल नहीं कराना चाहता। वह उम्मीद करता है कि  उसे मताधिकार से वंचित होने से बचने के लिए चुनाव आयोग कोई कदम उठाए और कोई विकल्प पेश करें। बताया जा रहा है कि कुछ ऐसे ही मतदाता जल्द ही जिला निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करने वाले है और विकल्प की मांग करने वाले है। ऐसे ही एक मतदाता का कहना है कि जब कर्मचारियों को पोस्टल बेलेट जैसा सिस्टम दिया जा रहा है तो इस स्थिति में उन लोगों को भी यह विकल्प उपलब्ध कराया जाना चाहिए, ताकि वह मताधिकार से वंचित न हो सके। उनका कहना है कि वे मताधिकार से वंचित न हो यह जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है। क्योंकि अपरिहार्य परस्थितियों के कारण चुनाव आगे बढ़ा है तो आयोग को चाहिए कि उन्हें बेलेट पेपर जैसा विकल्प उपलब्ध कराकर दे।

- चुनाव संबंधी नियमों में फिलहाल ऐसा कोई भी विकल्प नहीं है : जिला निर्वाचन अधिकारी...
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी का कहना है कि  चुनाव आयोग के जो नियम है उसमें इस तरह की स्थिति के लिए कोई भी विकल्प की जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में हम कुछ भी आश्वासन देने की स्थिति में नहीं है। उनके पास एक ही विकल्प है कि वे या तो यात्रा रद्द करें या 7 मई से पहले यात्रा से आकर अपना वोट डाले। इसके अलावा फिलहाल कोई भी विकल्प है ही नहीं ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 12 अप्रैल 2024