बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले की बैतूल ग्रामीण और चिचोली परियोजना की आंगनवाडिय़ों में टेक होम राशन वाले पोषण आहार का वितरण प्रभावित हो रहा है। बताया जा रहा है कि इसकी सप्लाई की हालत लचर है, इसलिए यह स्थिति बन रही है। इस स्थिति को लेकर संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास नर्मदापुरम संभाग एच.के. शर्मा ने खासी नाराजगी जाहिर की है और सीईओ, मां नर्मदा महिला आजीविका औद्योगिक संघ मर्यादित को अपनी नाराजगी जाहिर की है और आपूर्ति को दुरूस्त करने के लिए कहा है। 5 अप्रैल को उन्होंने जो पत्र लिखा था, उसमें बताया कि आदेश के माध्यम से संचानालय महिला एवं बाल विकास मप्र भोपाल द्वारा माह फरवरी 2024 के लिए आंगनवाड़ी केन्द्र के 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों, गर्भवती माताओं और धात्री महिलाओं को टेक होम राशन प्रदाय करने के आदेश जारी किए थे और इस सप्लाई आर्डर के विरूद्ध माखन नगर संयंत्र द्वारा 4 अप्रैल 2024 तक संभाग की 24 परियोजनाओं में से मात्र 6 परियोजनाओं में टीएचआर का वितरण कराया गया है तथा 20 परियोजनाओं में टीएचआर प्रदाय नहीं किया गया है। उक्त आदेश जारी किए लगभग 10 दिन से अधिक का समय हो चुका है। संचालनालय द्वारा केवल एक माह के लिए टीएचआर आपूर्ति का आदेश जारी किया जाता है। इस स्थिति में सयंत्र द्वारा टीएचआर की आपूर्ति विलंब से करने के कारण आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेक होम राशन समाप्त होने की स्थिति निर्मित हो जाती है। उन्होंने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि संयंत्र द्वारा बताया गया कि संयंत्र में सोया आयल एवं पामोलियन आयल की दरें प्राप्त न होने के कारण वर्तमान में उत्पादन कार्य बंद है। इसलिए यह स्थिति निर्मित हो रही है। उन्होंने सभी परियोजनाओं को टीएचआर की आपूर्ति जल्द से जल्द करने के लिए कहा है।

- इन परियोजनाओं में टीएचआर की सप्लाई रही है ठप्प...


माखन नगर संयंत्र द्वारा बैतूल जिले की बैतूल ग्रामीण में 12 फरवरी को, चिचोली में 2 फरवरी को अंतिम टीएचआर सप्लाई किया था। वहीं हरदा ग्रामीण 1 में 14 फरवरी, खिरकिया में 14 फरवरी, नर्मदापुरम ग्रामीण में 4 मार्च, नर्मदापुरम शहरी में 4 मार्च, इटारसी में 4 मार्च, पिपरिया में 12 फरवरी, सोहागपुर में 25 फरवरीको अंतिम टीएचआर की सप्लाई हुई है। इसके बाद से नहीं हुई। 

- क्या होता है टीएचआर...


टेक होम राशन के तहत 6 दिन के लिए एक पैकेज दिया जाता है। इस पैकेज में सत्तू रहता है, लड्डू रहता है, सोया बर्फी रहती है और खिचड़ी भी रहती है। लगभग 600 से 750 ग्राम का यह पैकेज होता है। यह गर्भवती महिलाओं को, धात्री महिलाओं को 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी के माध्यम से प्रदान किया जाता है। जिससे की उनका पोषण हो सके।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 16 अप्रैल 2024