बैतूलबाजार (हेडलाइन)/नवल वर्मा। धार्मिक नगरी बैतूलबाजार में बरसों पुरानी परम्परा जो कि पिछले चालीस सालों से बंद थी, इस परम्परा को आज की नई पीढ़ी ने फिर से पुनर्जीवित कर दिया और राम नवमी के अवसर पर नगर में नरसिंग भगवान अवतार नारोन्या का जुलूस बड़े ही धूमधाम के साथ निकाला जिसमे सैकड़ों लोग शामिल हुए।
दरअसल नगर में होने वाले सभी धार्मिक आयोजनों को लोग बड़े ही उत्साह के साथ मनाते है ऐसा ही एक बरसों पहले आयोजन जो कि रामनवमी की रात को आयोजित किया जाता था जिसे "नारोन्या" नाम से जाना जाता था जिसमे एक व्यक्ति को भगवान नरसिंह अवतार में सजाया जाता था और मंत्रोच्चार उपरांत पूरे नगर में दौड़ाया जाता था इस दौर यह नरसिंह अवतार भीड़ में शामिल लोगों के पीछे दौड़कर उन्हे लात मारता था।
आज के इस आधुनिकता के दौर में इस तरह के आयोजनों को बहुत पीछे छोड़ दिया है इस आयोजन को करने के पीछे की वजह जानकार विलास जोशी ने बताया की हिरण्य कश्यप का वर्णन पौराणिक कथाओं में मिलता है, जिसमे  राजा हिरण्यकश्यप ने कठोर तपस्या से ब्रम्हा जी से वरदान प्राप्त किया था की कोई मानव उसे मार न सके न ही पशु, उसकी मृत्यु दिन में हो न रात में, न घर के भीतर न ही बाहर न आकाश में न धरती पर अस्त्र से न शास्त्र से!  भगवान के इस वरदान से राजा हिरन्यकश्यप को घमंड हो गया था और उसकी प्रजा से भगवान की तरह स्वयं की पूजा करवाता था।
राजा हिरन्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद से भी नफरत करता था क्योंकि भक्त प्रहलाद भगवान विष्णु की पूजा करता था इसलिए राजा हिरण कश्यप ने प्रहलाद को मारने का आदेश दिया था जिसके बाद भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर राजा हिरन्यकश्यप का वध किया था। तब से ही  नरसिंह अवतार को पूजा जाने लगा था।

इसी कथा को लेकर रामनवमी पर बैतूल बाजार के प्राचीन मंदिर काला मंदिर से नरसिंह अवतार नारोन्या को निकाला जाता था और पूरे नगर में घुमाया जाता था इस बंद हुए आयोजन को इस राम नवमी पर युवाओं ने पुनर्जीवित किया। सनातन सेना के सदस्य शिवा मालवीय और दीपक वर्मा ने बताया की नई पीढ़ी को सनातन धर्म से जोड़ने के लिए इस आयोजन को शुरू किया है बुराई पर अच्छाई की जीत होती है ऐसा संदेश दिया है पुराने काला मंदिर से इस जुलूस को रात के अंधेरे में मशाल की रोशनी में पूरे नगर में घुमाया गया जिसे लोगों ने बहुत सराहा। 
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 19 अप्रैल 2024