हिवरा /आठनेर(हेडलाइन)/नवल वर्मा । श्री महावीर देवस्थान माँ भवानी शंकर मंदिर हिवरा के ग्रामीणों और बुजुर्गो ने यहाँ के पुरातन कालीन अभूतपूर्व आयोजन को लेकर विस्तृत रूप से यह जानकारी साझा की है। जिसमे वरिष्ठ हनुवंत राव देशमुख पटेल, भगवंत राव लोखंडे, संजय देशमुख सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि 
सनातन कालीन पुरातन मान्यतानुसार अधिकांश स्थानों पर चैत्र पूर्णिमा पर यह आयोजन होता है, लेकिन यहाँ पर एक दिन पूर्व चौदस पर दीपमाला में तेल अर्पण कर चैत्र यात्रा मेला का आयोजन होता है। चूकि ऐसा माना जाता है कि माँ भवानी समस्त देवियों में बड़ी है इसलिए यहाँ से ही इसका शुभारम्भ होता है। उन्होंने बताया कि पुरातन काल में यहाँ देवी माँ को जाग्रत करने के लिए चैत्र भर बाहर से गोंधरी आकर गोंदर करते थे जिसकी अपनी अलग ही गाथा है। ग्रामीण वरिष्ठजन ने चर्चा के दौरान बताया कि 
सनातन पुरातन मान्यता के अनुसार माँ भवानी लगभग साढ़े बारह जातियों की कुलदेवी हैं जिसमें लगभग सकल समाजजन समाहित हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ के मेघनाथ पर भी चौदस के दिन ही गाड़े खींचने की भी परम्परा थी जिसमें दूर - दूर से लोग आकर यहाँ गाड़े खींचते थे। वहीं मन्नत पूरी होने पर नीम बाँधने की भी प्रथा प्रचलित थी।
ग्रामीण बुजुर्गों ने बताया कि यहाँ की पुरानी बावड़ी कुंड के जल से शिवलिंग पर भोलेनाथ जी को जलार्चन कर उसके जल को हजारों लोग अपने साथ लेकर जाते थे,  जिसे अतिपवित्र पावन तीर्थ माना जाता था। उन्होंने बताया कि लोग यहाँ जो भी अपने अथवा अपने परिवारजन के लिये मानता मांगते है, माता उसे अवश्य पूर्ण करती है। उन्होंने इस आयोजन में सकल समाज से इस अवसर पर माँ के दरबार में पहुँचकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 20 अप्रेल 2024