बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। एमपी बोर्ड में 10 वीं एवं 12 वीं के परिणाम घोषित किए गए और जो बैतूल जिले में नतीजे सामने आए है, वह अत्यंत शर्मनाक बताए जा रहे है! बताया जा रहा है कि इतना खराब रिजल्ट एक दशक में पहली बार आया है? हालत यह है कि 10 वीं बोर्ड में 64.38 प्रतिशत विद्यार्थी ही सफल हो पाए है। इसमें से 59.58 फीसदी लडक़े है, वहीं 68 .76 फीसदी लड़कियां है। वहीं 12 वीं में कुल रिजल्ट 59.83 और इसमें 56.58 प्रतिशत लडक़े सफल रहे और 62.77 प्रतिशत लड़कियां सफल हो पाई। जिले में कक्षा 12 वीं में 13 हजार 255 विद्यार्थी शामिल हुए थे। जिसमें 13 हजार 202 का परिणाम घोषित हुआ है। जिसमें से प्रथम श्रेणी में 2984 छात्र सफल होना बताया जार हा है। वहीं द्वितीय श्रेणी में 9 विद्यार्थी शामिलए है। 2261 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री आई है। कुल 7 हजार 900 विद्यार्थी पास हुए है। जिसमें सामाजिक विज्ञान या आर्ट में 45.32 छात्र सफल हुए है। इसके अलावा विज्ञान में 66.24 छात्र सफल हुए है। कामर्स में 63.01 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए है। वहीं एग्रीकल्चर में 58.36 फीसदी छात्र सफल हुए है और होम साईंस 43.75 फीसदी विद्यार्थी सफल हुए। होम साईंस और आर्ट जैसे विषय में 50 फीसदी से कम रिजल्ट होना बताता है कि स्थिति वास्तव में कितनी खराब है। वहीं कक्षा 10 वीं में 16 हजार 739 विद्यार्थी शामिल हुए थे। जिसमें 16 हजार 719 का रिजल्ट आया है, जिसमें से 4308 प्रथम श्रेणी में पास हुए है। 47 द्वितीय श्रेणी में पास हुए है, 2358 को सप्लीमेंट्री आई है। 10765 विद्यार्थी पास हुए है। इस तरह से 64.38 फीसदी रिजल्ट रहा है। इस तरह के रिजल्ट आने के बाद पूरी शिक्षा व्यवस्था पर ही सवाल उठ रहे है। इसमें एमपी बोर्ड के निजी एवं सरकारी दोनों तरह के स्कूल शामिल है। रिजल्ट खराब होने का एक बड़ा कारण चुनाव को भी बताया जा रहा है। जो भी हो लेकिन इस पूरे मामले में बारीकी से विवेचना होना चाहिए कि इतना घटिया रिजल्ट आखिर क्यों आया ? और ऐसी स्थिति में सिर्फ स्कूल के प्राचार्यो या शिक्षकों पर ही नहीं बल्कि जिला शिक्षा अधिकारी की भी जिम्मेदारी तय होना चाहिए? जिला शिक्षा अधिकारी को लेकर वैसे ही कहा जाता है कि इनका फोकस शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने से ज्यादा कहीं और ही रहता है और इसलिए जो ताईक्वांडो की जो राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा बैतूल में हुई थी उसमें खर्च को लेकर डीईओ साहब पर कई तरह के सवाल है और कहा जाता है कि बैतूल का क्रीड़ा फंड भी बर्बाद कर दिया!

- 12 वीें में यश पवार ने प्रदेश के टॉप-10 में स्थान हासिल कर थोड़ी सी जिले की रख ली है लाज...


मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10 वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए। इसमें जिले के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान श्रीविनायकम स्कूल का सतत शानदार परिणाम जारी है। उल्लेखनीय है कि राज्य प्राविण्य सूची में बैतूल जिले से एकमात्र विद्यार्थी श्रीविनायकम स्कूल से यश पवार है। इससे संपूर्ण राज्य में विद्यालय एवम बैतूल जिले का गौरव बढ़ा है। कक्षा 12 वी से यश पंवार ने 96.4 प्रतिशत अंकों के साथ स्टेट मेरिट लिस्ट में दसवां स्थान सुनिश्चित किया। इस शानदार परिणाम से परिवार एवं विद्यालय सहित पूरे जिले में हर्ष की लहर व्याप्त है। यश की इस उपलब्धि पर परिवार सहित विद्यालय संचालक संजय राठौर प्राचार्य एवं सभी गुरुजनों की ओर से शुभकामनाएं दी गई।
नवल वर्मा हेडलाइन 25 अप्रैल 2024