बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। उत्तर वन मंडल में बड़ेे स्तर पर आर्थिक अनियमितता के आरोप लग रहे है और इसे छुपाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे है। इन प्रयासों में ही सूचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उत्तर वन मंडल के लोकसूचना अधिकारी और डीएफओ दोनों ही अज्ञात कारणों से 11 महीने के दौरान केशबुक में दर्ज जानकारी को सार्वजनिक होने नहीं देना चाहते?
बताया गया कि दुर्गा वार्ड कोठीबाजार निवासी प्रेमशंकर मिश्रा ने आरटीआई के तहत 16 जनवरी 2024 को जो आवेदन प्रस्तुत किया था, उसमें उनके द्वारा 1 मार्च 2023 से 31 जनवरी 2024 तक उत्तर वन मंडल बैतूल सामान्य में शासकीय भुगतान की जानकारी के लिए केशबुक का अवलोकन कराने की मांग की थी और उनकी मांग के अनुसार लोक सूचना अधिकारी ने 12 फरवरी 2024 को पत्र जारी कर  16 फरवरी 2024 को अवलोकन की तारीख तय की थी और इसके लिए प्रथम घंटे के लिए 50 रूपए तथा इसके पश्चात प्रत्येक 15 मिनट अथवा उसके कम समय के लिए 25 रूपए के मान से शुल्क नगद या चालान के रूप में जमा करने के लिए कहा था। शिकायतकर्ता के अनुसार इसमें चालान जमा किया गया फिर भी उन्हें केशबुक का अवलोकन नहीं कराया गया! निवेदन करने के बावजूद भी कोई फर्क नहीं पड़ा। ऐसे में प्रेमशंकर मिश्रा का कहना है कि आखिर केशबुक के अंदर उस अवधि में ऐसा कौन सा लेनदेन हुआ है, जिसे उत्तर वन मंडल के अधिकारी दबाने और छिपाने की कोशिश कर रहे है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 02 मई 2024