बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ग्राम पंचायत गोराखार सरपंच महेश रावत के प्रभाव के कारण राजस्व विभाग के अमले ने भी जांच प्रतिवेदन में हेरफेर करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी? ग्राम गोराखार में जिस पंचम वल्द तेजा आदिवसी द्वारा जो शिकायत की गई थी, उसमें 1 सितम्बर 2021 को आरआई कोलगांव, पटवारी गोराखार और कोटवार गोराखार द्वारा जो पंचनामा बनाया गया था, उसमें यह बताया गया कि खसरा नं 280, रकबा 0.073 हेक्टेयर भूमि पर देवेन्द्र पिता शंकरदयाल जाति कुर्मी निवासी गोराखार का कब्जा है और यहां पर निर्माण भी किया गया है! वहीं राजस्व रिकार्ड में इस भूमि पर पंचम अंच्छाराम वल्द केजा जाति गोंड के नाम से दर्ज है, जब आरआई पटवारी ने 4 अक्टूबर 2021 को तहसीलदार बैतूल को जनसुनवाई आवेदन क्रमांक 1234 को लेकर जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया तो उसमें बताया गया कि पंचम वल्द केजा द्वारा जो उसकी जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की गई थी, उसमें यह पाया गया कि खसरा नं 280, रकबा 0.073 हेक्टेयर भूमि पर देवेन्द्र पिता बच्चूलाल जाति कुर्मी का नाम दर्ज है? मतलब यह है कि जब ग्रामीणों की मौजूदगी में 01 सितम्बर को पंचनामा बनाया गया, तब अतिक्रमणकारी देवेन्द्र की सही वल्दियत शंकरदयाल लिखी गई, वहीं जब तहसीलदार को कार्रवाई के लिए जांच प्रतिवेदन दिया गया तो देवेन्द्र की वल्दियत बदलकर शंकरदयाल की जगह बच्चूलाल कर दिया गया? यह बताता है कि किस तरह से सरपंच के भाई देवेन्द्र के अतिक्रमण के मामले  जांच को दूषित करने के लिए वल्दियत तक बदल दी गई?

- जनसुनवाई में दो बार आवेदन और दोनों बार जांच पर कार्रवाई नहीं...
आदिवासी की जमीन पर बेजा कब्जा कर हड़पने के मामले में 2021 में जनसुनवाई में शिकायत होती है और जांच होती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है! वहीं इसके बाद 3 जनवरी 2023 को जनसुनवाई में फिर शिकायत होती है और इसमें भी 7 फरवरी 2023 को मौका जांच में जमीन पर महेश रावत के भाई देवेन्द्र का कब्जा होना पाया जाता है, लेकिन किसी स्तर पर कोई एक्शन नहीं होता? वजह साफ है कि महेश रावत का प्रभाव है। 

- गजब ही है पिता को बुआ का पति और भाई की वल्दियत तक बदली...
सरपंच महेश रावत की बैतूल शहर की समग्र आईडी में उनकी बुआ फुलकांति 92 वर्ष का नाम दर्ज था और इसमें उन्हें महेश रावत की मां बताते हुए पति का नाम शंकरदयाल दर्ज था, जबकि शंकरदयाल महेश रावत के पिता का नाम है, और फु़लकांति शंकरदयाल की बहन है और फुलकांति के पति का नाम मनोहर है। वहीं पटवारी के 4 अक्टूबर 2021 को जो जांच प्रतिवेदन दिया, उसमें देेवेन्द्र के पिता का नाम बच्चूलाल हो गया!
वोटर आईडी के अनुसार सरपंच महेश रावत का पता आदिवासी की हड़पी जमीन पर है
जो गोराखार की वोटर लिस्ट है, उसमें गृह क्रमांक 24 में वोटर लिस्ट क्रमांक 119 पर देवेन्द्र पिता शंकरदयाल, 120 पर महेश पिता शंकरदयाल, 121 पर सीमा पति देवेन्द्र और 122 पर ममता पति महेश का नाम दर्ज। यह सरपंच महेश रावत के परिवार के ही सदस्य है और यह गृह नंबर 24 आदिवासी पंचम तेजा के खसरा नं 280 के रकबा 0.073 हेक्टेयर में ही बना हुआ है?

- यह सवाल राजस्व की खोल रहे पोल...
1 - 1 सितम्बर 2021 को जो पंचनामा बनाया गया, उसमें ग्रामीणों की मौजूदगी में देवेन्द्र की वल्दियत शंकरदयाल थी तो फिर पटवारी ने किस लोभ, प्रलोभन या डर के तहत देवेन्द्र की वल्दियत बदलकर बच्चूलाल की और इसके पीछे मकसद क्या था?
2 - जनसुनवाई में दो अलग-अलग समय पर दिए गए आवेदन में जांच में महेश रावत के भाई देवेन्द्र का आदिवासी की जमीन पर बेजा कब्जा पाया गया, फिर भी अभी तक उस अतिक्रमण को हटाने को लेकर कुछ क्यों नहीं किया गया? राजस्व के अधिकारी और किस बात का इंतजार कर रहे है?
3 - वोटर लिस्ट से स्पष्ट है कि अतिक्रमण वाली जमीन पर महेश रावत ने अपना पता दर्शाया है, फिर उसके निर्वाचन नामांकन पत्र पर आपत्ति क्यों नहीं ली गई?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 06 मई 2024